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शनिवार, 19 सितंबर 2020

केंद्र के कृषि अध्यादेशों के विरोध में उतरी कांग्रेस प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर भाजपा पर तीखा हमला, मोदी सरकार को घेरने की तैयारी

केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा में लाए गए तीन कृषि अध्यादेशों के विरोध में कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। आलाकमान से मिले निर्देशों के बाद शुक्रवार को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी कृषि अध्यादेशों के विरोध में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर भाजपा पर तीखा हमला बोला।

उन्होंने कहा कि इससे बड़ी कम्पनी और बड़े ग्रुप आएंगे जबकि किसान मजदूर बन जाएगा और कृषि पर कॉरपोरेट घरानों का कंट्रोल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस निर्णय से तो छोटा किसान मजदूर बन जाएगा। हालांकि कोरोना को देखते हुए कांग्रेस ने इन अध्यादेशों के विरोध में सड़कों पर तो नहीं उतरेगी।

डोटासरा ने कहा कि राजभवन में कोरोना पॉजिटिव केस आने के चलते कांग्रेस नेताओं के हस्ताक्षर करवाकर राज्यपाल को ज्ञापन दिया जाएगा। डोटासरा ने कहा कि किसान जो अन्न पैदा करता है उसी से देश की अर्थव्यवस्था भी चलती है इसलिए कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है। जिस सरकार ने किसान विरोधी काम किया वह दोबारा नहीं बनी।

अध्यादेशों के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन के सवाल पर डोटासरा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना का असर है ऐसे में जीवन बचना हमारी पहली प्राथमिकता है। ऐसे समय में अगर किसानों को कॉल करेंगे तो कोरोना संक्रमण और ज्यादा फैल सकता है। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ हम कंधे से कंधा मिलाकर लड़ेंगे।


मूल आश्वासन एवं कृषि सेवा समझौता अध्यादेश को कांग्रेस कांट्रेक्ट फार्मिंग को बढ़ावा देने वाला बता रही है। कांग्रेस का कहना है कि इससे कंपनियां खेती करेंगी और किसान की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं रहेगी। वहीं, आवश्यक वस्तु अध्यादेश को लेकर कांग्रेस ने कहा कि इससे सिर्फ व्यापरियों व बिचौलियों को ही फायदा होगा।

कांग्रेस बोली- इससे कृषि उपज विपणन समितियां खत्म हो जाएंगी
कृषि उपज, वाणिज्य और व्यापार अध्यादेश को लेकर कांग्रेस का कहना है कि इससे कृषि उपज विपणन समितियां खत्म हो जाएंगी और सभी को कृषि उत्पाद खरीदने व बेचने की अनुमति मिल जाएगी।

डाेटासरा ने विधेयक पढ़ा नहीं, केवल गुमराह कर रहे : राठौड़

विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि वे विधेयक पढ़ लेते तो किसानों को गुमराह नहीं करते। केंद्र ने किसानों को उन्नत व मुनाफे की खेती के साथ इंस्पेक्टर राज को समाप्त करने की सौगात दी है। फसलों को कभी भी कहीं भी बेचने की दशकों पुरानी मांग मोदी सरकार ने पूरी की।

स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें स्वीकार हाे गईं : सतीश पूनियां

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि केंद्र सरकार के तीनों ही बिल किसानों की तकदीर एवं तस्वीर बदलने वाले हैं। किसान आत्मनिर्भर बनेगा। पीएम ने स्वामीनाथन की सिफारिशों को स्वीकार कर एमएसपी को डेढ़ गुना बढ़ाया। पहली बार कृषि करार के माध्यम से किसानों की आय बढ़ेगी। यह किसी कॉर्पोरेट की आय बढ़ाने के लिए नहीं है।

कृपया डोटासरा पहले बिल पढ़ें, फिर आलाेचना करें : कटारिया

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि संबंधित बिलाे काे पास करने के मामले में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने जाे आलाेचन की है, उस पर कहना चाहता हूं कि कृपा करके इसे पहले पढ़ लें। इसमें व्यापार काे पाबंधियाें से मुक्त किया गया है। किसान अपने उत्पाद काे कहीं भी बेच सकता है और किसी भी कीमत से बेच सकता है। मंडी पर भी व्यापार में काेई राेक नहीं रहेगी।



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केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा में लाए गए तीन कृषि अध्यादेशों के विरोध में कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है