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गुरुवार, 22 अक्तूबर 2020

साधु के वेष में सीता को हर कर ले गया रावण

साधु के वेष में सीता को हर कर ले गया रावण

बिसाऊ. कस्बे में चल रही मूक रामलीला में बुधवार पांचवें दिन सीता हरण की लीला का मंचन किया गया। प्रबंध समिति के संरक्षक महेन्द्र पारीक ने बताया कि खर दूषण के वध के बाद सूपर्णखा रावण के दरबार में जाती है ओर राम को सबक देने की बात कहती है। जिस पर रावण की ओर से मारीच को हिरण बना कर भेजा जाता है। पंचवटी में हिरण को देखकर सीता श्रीराम से उसे पकडऩे की मांग करती है। राम के जाने के बाद आवाज सुनकर लक्ष्मण भी रेखा खींच कर राम की खोज में निकल जाते हैं। पीछे से रावण साधु के वेष में सीता का हरण कर लेता है। लंका के रास्ते में उसका जटायु से युद्ध होता है, बाद में राम व लक्ष्मण लौटते है तो सीता के नहीं मिलने पर उनको घायल अवस्था में जटायु मिलता है ओर सारा वृतांत सुनाता है।

रामलीला मंच पर सजाई रामदरबार की झांकी


बगड़. मंड्रेला रोड़ स्थित रामलीला मैदान में श्री श्याम मंडल प्रबंध समिति के तत्वावधान में होने वाली 46 वी रामलीला मंचन की जगह कोरोना महामारी के कारण रामचरितमानस पाठ का वाचन किया गया। मंडल सचिव अशोक अड़ीचवाल ने बताया कि वर्षो से चली आ रही परम्परा को कायम रखते हुए प्रतिदिन शाम सवा 7 से सवा 9 बजे तक मंडल के व्यास शिवकुमार वशिष्ट, संदीप अड़ीचवाल, रमाकान्त स्वामी, सुनील स्वामी रामचरित मानस का वाचन कर रहे है। चतुर्थ दिवस पर रामविवाह के मौके पर रामदरबार की झांकिया सजाई गई। गीता देवी, देवेंद्र जांगीड़, मधु जांगीड़ ने राम विवाह पर राम जानकी का तिलकार्चन कर पूजन किया। रामचरितमानस वाचन में मंडल अध्यक्ष राधेश्याम शर्मा, मोहनलाल जांगीड़, सांस्कृतिक सचिव अशोक दाधीच, विनोद स्वामी, शशी टेलर, मनोहरलाल सोनी ने भाग लिया।

उदयपुरवाटी में ५ व्यक्ति करेंगे रावण दहन


उदयपुरवाटी. कस्बे की नांगल नदी में विजयादशमी पर दादूपंथियों की ओर से किया जाने वाला रावण दहन इस बार नहीं होगा। रावण दहन को लेकर केवल औपचारिकता पूरी की जाएगी। यह निर्णय बुधवार को नगरपालिका में ईओ वर्षा चौधरी की अध्यक्षता में हुई दशहरा उत्सव प्रबंध समिति की बैठक में लिया गया। बैठक में दादूपंथी समाज के पांचों अखाड़ों थमायत व मंत्री शंकरदास स्वामी ने कोरोना वायरस को लेकर केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए इस बार रावण दहन नहीं करने का प्रस्ताव रखा। जिस पर दशहरा प्रबंध समिति से सर्व सम्मति से प्रस्ताव को पास कर दिया। शंकरदास स्वामी ने अवगत करवाया कि पूर्व की भांती रावण दहन के दौरान किसी प्रकार जुलूस नहीं निकाला जाएगा। पटाखे नहीं चलाएंगे। दशहरा महोत्सव में होने वाले हवन में सोशल डिस्टेडिंग व प्रत्येक व्यक्ति द्वारा मास्क का प्रयोग किया जाएगा। परम्परा ना टूटे इसके लिए विजयादशमीं के दिन दशहरा प्रबंध समिति के पांच व्यक्तियों की ओर से रावण दहन की औपचारिकता पूरी की जाएगी। बैठक में दशहरा प्रबंध समिति के संयोजक मोहनलाल स्वामी, रामलाल स्वामी, शंकरदास स्वामी, राजेन्द्र मारवाल, वैद्य अरूण जोशी आदि शामिल थे।

साधु के वेष में सीता को हर कर ले गया रावण

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