रावतभाटा : 45 डिग्री का तापमान और कोरोना संकट में मज़दूरी का टोटा है, लेकिन मेहनतकश इंसान रोजगार भी ढूंढ लेता है और सिर्फ खिचड़ी खाकर पेट भी पाल लेता है। मजदूरों की यह दशा प्रवासी मजदूरों की नहीं, बल्कि स्थानीय मजदूरों की भी है।
जिले के पारसोली क्षेत्र के मजदूर शंभू का परिवार 5 बच्चों के साथ खजूर के पेड़ पर लगने वाली टहनी से झाड़ू बनाकर अपनी आजीविका चला रहा है। वह किसी का मोहताज नहीं है। उसका कहना है कि संकट का काल है, लेकिन पेट तो पालना है। उसके खजूर के बनाए झाड़ू को लोग खूब पसंद कर रहे हैं। वहीं, गाड़िया लुहार भी काम में जुटे हुए हैं।