अजमेर. ट्रेन व रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा का जिम्मा निभाने वाले राजकीय रेलवे पुलिस(जीआरपी) के जवान प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी में कोरोना वॉरियर्स बनकर स्टेशनों पर तैनात हैं। बीते एक माह में अजमेर जीआरपी के 700 जवानों ने 16 थाना क्षेत्रों से गुजरने वाली प्रवासी श्रमिकों की 600 से ज्यादा ट्रेनों में पानी के साथ खाने के पैकेट मुहैया कराने में अहम भूमिका निभाई। खास बात यह रही कि जवानों ने ट्रेन में सफर करने वाले प्रवासियों के स्टेशन पर उतरने पर पाबंदी रखी। वहीं खाना, पानी, बिस्किट के साथ तपती धूप में घर के लिए नंगे पैर निकले प्रवासी मजदूरों को चप्पलें तक पहनाई।
. . .ताकि नहीं उतरें यात्री
जीआरपी अजमेर थानाप्रभारी सुशीला विश्नोई ने बताया कि अजमेर से गुजरने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन के पहुंचने से पहले ही जवानों को पेयजल व्यवस्था के लिए तैनात कर दिया जाता है। ताकि ट्रेन के ठहराव पर कोई भी रेलवे स्टेशन पर ना उतरे। उन्हें ट्रेन में पानी, फूड पैकेट मुहैया करवा दिए जाते हैं।
16 थाने, 700 जवान
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भोलाराम यादव ने बताया कि जीआरपी एडीजी संजय अग्रवाल के आदेश पर 16 थानों में 700 जवान और पुलिस अधिकारी प्रवासी श्रमिकों की ट्रेन के पहुंचने पर रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के साथ-साथ उन्हें खाना-पानी देने के लिए तैनात रहते हैं।
आंकड़ों की जुबानी
जीआरपी थाने -16
तैनात जवान- 700
राज्य से गई ट्रेन-94
(बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, प. बंगाल, असम, छत्तीसगढ़)राज्य में आई ट्रेन-33
(महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, झारखंड, तमिलनाडु व मुम्बई)
राज्य से गुजरी ट्रेन-490
(गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, केरल, कर्नाटक)
थाना- राहत सामग्री
अजमेर-यात्रियों के पेयजल व फूड पैकेट
आबूरोड-खाद्य सामग्री व 13 हजार भोजन पैकेट, पानी की बोतल
जयपुर- 400 चप्पल जोड़ी के अलावा पानी व खाने की व्यवस्था
कोटा- रेल विभाग के साथ बिस्किट, पानी की बोतल
सवाई माधोपुर-बिस्किट, ब्रेड पैकेट, फूड पैकेटमारवाड़ जंक्शन-भोजन पैकेट, चप्पल, पानी
भरतपुर- भोजन, फूड पैकेट
सीकर- भोजन पैकेट, बिस्किट, पानी बोतल
उदयपुर-बिस्किट, फूड पैकेट, पानी की व्यवस्था
चित्तौडगढ़़-रेलवे के साथ फूड पैकेट, पानी
इनका कहना है...
महामारी के समय जवानों ने सावधानी रखते हुए ड्यूटी के साथ मानवता का फर्ज निभाया। एडीजी संजय अग्रवाल के दिशा-निर्देश में अजमेर जीआरपी जिले से गुजरने वाली ट्रेनों में प्रवासी श्रमिकों को पेयजल, खाने के साथ चप्पल तक मुहैया करवाई। श्रमिकों को प्लेटफार्म पर ना उतरने देने के पीछे संक्रमण के खतरे को कम करना था।
-मनीष अग्रवाल एसपी-जीआरपी, अजमेर