जयपुर,
National ranking of educational institutions of the country : कोरोना संकट ( corona crisis ) के कारण इस बार कुछ देरी से जारी हुई देश के शिक्षण संस्थानों की नेशनल रैकिंग में राजस्थान के लिए 2019 की तुलना में अच्छी खबर सामने आई। नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क ( National Institutional Ranking Framework ) की ओर से जारी 2020 की रैकिंग में ओवरऑल श्रेणी में टॉप 100 में राजस्थान के चार शिक्षण संस्थानों ने अपनी जगह बनाई है। जबकि 2019 की रैकिंग में सिर्फ दो ही शिक्षण संस्थान टॉप 100 में जगह बना पाए थे। इस बार एमएनआईटी जयपुर और एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर भी टॉप 100 रैकिंग में स्थान पाने में कामयाब हुए हैं।
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ( Union Human Resource Development Minister Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank ) की ओर से ई—माध्यम से जारी की गई एनआईआरएफ की 2020 की रैकिंग में इस बार भी ओवरऑल श्रेणी में देश के वहीं पांच शिक्षण संस्थान इस बार भी टॉप फाइव में रहे हैं जो कि 2019 की रैकिंग में भी पहले पांच स्थानों पर थे। इनमें आईआईटी मद्रास पहले, आईआईएस बेंगलुरू दूसरे, आईआईटी दिल्ली तीसरे, आईआईटी बॉम्बे चौथे जबकि आईआईटी खडगपुर पांचवे स्थान पर रहे हैं। आईआईटी कानपुर छठे, आईआईटी गुवाहटी सातवें, जेएनयू दिल्ली आठवें, आईआईटी रूडकी नौंवे और बनारस हिंदी यूनिवर्सिटी दसवीं रैंक पर रही है।
टॉप 100 में राज्य के चार शिक्षण संस्थान
नेशनल इंस्ट्ीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क की ओर से जारी 2020 की रैंकिंग में ओवरऑल श्रेणी में पिलानी स्थित बिरला इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस 27 वीं रैंक पर रहा है। जबकि एमएनआईटी जयपुर 71 वीं रैंक पर रहा है। वनस्थली विद्यापीठ 79 वीं रैंक और जयपुर का सवाईमान सिंह मेडिकल कॉलेज 91 वीं रैंक पर रहा है। 2019 की ओवरआॅल रैंकिंग में टॉप 100 में राज्य का वनस्थली विद्यापीठ और पिलानी स्थित बिरला इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस ही जगह बना पाए थे, लेकिन इस बार इन दोनों शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग में 2019 के मुकाबले में सुधार हुआ है। 2019 में बिरला इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस 39 वीं रैंक पर था जबकि वनस्थली विद्यापीठ 87 वीं रैंक पर था।
2015 से हुई थी शुरूआत
यह रैकिंग काफी महत्वपूर्ण होती है। इस रैंकिंग के आधार पर यह आसानी से यह पता चल जाता है कि कोई शिक्षण संस्थान अपनी उपलब्धियों, संसाधन, शोध कार्य, शिक्षण कार्य, लर्निंग समेत अन्य मापदंडों के आधार पर जारी की जाती है। इन मापदंडों में प्रोफेशनल प्रैक्टिसेस, ग्रेजुएशन आउटकम्स, आउटरीच एवं इन्क्लुजिविटी और पर्सेप्शन के पैरामीटर्स की रैकिंग तय करने में भूमिका होती है। 2015 से लगातार यह रैकिंग जारी की जा रही है। एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग की शुरुआत 2015 में की गयी थी
यह रैकिंग काफी महत्वपूर्ण होती है। इस रैंकिंग के आधार पर यह आसानी से यह पता चल जाता है कि कोई शिक्षण संस्थान अपनी उपलब्धियों, संसाधन, शोध कार्य, शिक्षण कार्य, लर्निंग समेत अन्य मापदंडों के आधार पर जारी की जाती है। इन मापदंडों में प्रोफेशनल प्रैक्टिसेस, ग्रेजुएशन आउटकम्स, आउटरीच एवं इन्क्लुजिविटी और पर्सेप्शन के पैरामीटर्स की रैकिंग तय करने में भूमिका होती है। 2015 से लगातार यह रैकिंग जारी की जा रही है। एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग की शुरुआत 2015 में की गयी थी