घोड़ा पछाड़ नदी किनारे दिए मगरमच्छ ने अंडे
बरुन्धन. कस्बे से निकल रही घोड़ा पछाड़ नदी के किनारे पर रविवार को मगरमच्छ के अण्डे नजर आने से लोगों में दहशत फैल गई। जानकारी के अनुसार वार्ड 8 के महिला घाट के पास एक लडक़े ने मगरमच्छ को एक अंडा ले जाते हुए देखा। उसने तुरन्त आसपास के लोगों को जानकारी दी। उसके बाद भीड़ जमा हो गई। सूचना पर वनपाल घनश्याम वर्मा व लक्ष्मीपुरा वन नाका प्रभारी रूपाराम चौधरी मौके पर पहुंचे। जहां पर गड्ढे के पास रखे 14 अंडे व दो छोटे मगरमच्छ के बच्चों के पास भीड़ को हटाया व दोनों मगरमच्छ के बच्चों को नदी में छोड़ दिया। बाद में दो घन्टे तक नदी के किनारे पर बैठकर मगरमच्छ के बाहर आने का इंतजार किया। इसी बीच वातारण शांत पाकर मगरमच्छ पानी से बाहर निकलकर अंडों के पास पहुंचा, लेकिन आवाज सुनकर एक अंडे को लेकर पानी में छलांग लगा दी। उसके बाद शाम तक मगरमच्छ नजर नहीं आया।
तीन साल से जारी अंडे देने का सिलसिला
वार्ड 8 निवासी भगवान सोलंकी ने बताया कि पिछले तीन सालों से इसी जगह के आसपास मगरमच्छ के अंडे देने का क्रम जारी हैं, लेकिन मगरमच्छ गड्ढे में अंडों को मिट्टी से ढककर रख देता हैं।
बढऩे लगा मगरमच्छ का कुनबा
ग्रामीणों ने बताया कि घोड़ा पछाड़ नदी में मगरमच्छ का कुनबा बढऩे लगा है। जिससे लोगों को डर लगने लगा हैं।
बरुन्धन. कस्बे से निकल रही घोड़ा पछाड़ नदी के किनारे पर रविवार को मगरमच्छ के अण्डे नजर आने से लोगों में दहशत फैल गई। जानकारी के अनुसार वार्ड 8 के महिला घाट के पास एक लडक़े ने मगरमच्छ को एक अंडा ले जाते हुए देखा। उसने तुरन्त आसपास के लोगों को जानकारी दी। उसके बाद भीड़ जमा हो गई। सूचना पर वनपाल घनश्याम वर्मा व लक्ष्मीपुरा वन नाका प्रभारी रूपाराम चौधरी मौके पर पहुंचे। जहां पर गड्ढे के पास रखे 14 अंडे व दो छोटे मगरमच्छ के बच्चों के पास भीड़ को हटाया व दोनों मगरमच्छ के बच्चों को नदी में छोड़ दिया। बाद में दो घन्टे तक नदी के किनारे पर बैठकर मगरमच्छ के बाहर आने का इंतजार किया। इसी बीच वातारण शांत पाकर मगरमच्छ पानी से बाहर निकलकर अंडों के पास पहुंचा, लेकिन आवाज सुनकर एक अंडे को लेकर पानी में छलांग लगा दी। उसके बाद शाम तक मगरमच्छ नजर नहीं आया।
तीन साल से जारी अंडे देने का सिलसिला
वार्ड 8 निवासी भगवान सोलंकी ने बताया कि पिछले तीन सालों से इसी जगह के आसपास मगरमच्छ के अंडे देने का क्रम जारी हैं, लेकिन मगरमच्छ गड्ढे में अंडों को मिट्टी से ढककर रख देता हैं।
बढऩे लगा मगरमच्छ का कुनबा
ग्रामीणों ने बताया कि घोड़ा पछाड़ नदी में मगरमच्छ का कुनबा बढऩे लगा है। जिससे लोगों को डर लगने लगा हैं।