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शुक्रवार, 24 जुलाई 2020

लेकसिटी में बड़ी होटलों में प्रति कमरा 200 रुपए टैक्स की तैयारी

लेकसिटी में बड़ी होटलों में प्रति कमरा 200 रुपए टैक्स की तैयारी
मुकेश हिंगड़ / उदयपुर. नगर निगम की खाली तिजोरी भरने को लेकर गुरुवार को नगर निगम की प्रशासनिक समिति की बैठक में मंथन किया गया। तय किया गया कि बड़ी होटलों में ठहरने वालों से प्रति कमरा 200 रुपए नगरीय शुल्क लिया जाए। साथ के साथ अब खाली भूखंडों को लेकर भी सफाई निगम करेगा और उसके बदले बनने वाली राशि भूखंड मालिक के खाते में जोड़ा जाएगा। निगम सभागार में महापौर गोविंद सिंह टांक की अध्यक्षता में हुई बैठक में समिति अध्यक्षों के साथ सामुहिक रूप से निर्णय किए गए। उप महापौर पारस सिंघवी ने बताया कि खाली भूखंडों से होने वाली गन्दगी और बहुमंजिला इमारतों में पार्किंग का दूसरी तरह से उपयोग करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बैठक में यूआईटी से स्थानांतरित कॉलोनियों में रिक्त पड़े हुए भूखंडों को नीलाम करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। पूर्व पार्षद बद्री परिहार के यूआईटी से आवंटित भूखंड पर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा निर्माण कर दिया गया था इस पर तय किया कि निगम खाली भूखंड देगा। नगर निगम में मृत आश्रित कर्मचारी लगाए गए उन्हें 2 साल पूर्ण होने पर स्थाई करने पर मुहर।

1. बड़ी होटलों प्रति रूम 200 रुपए टैक्स
सुझाव आया कि थ्री, फोर व फाइव स्टार होटलों से नगरीय शुल्क लिया जाए। इसमें प्रति यात्री से प्रति रूम 200 रुपए शुल्क लिया जाए।
2. भूखंडों की गदंगी उठाने की राशि जुड़ती जाएगी
खाली भूखंडों पर गन्दगी फैली होने और उनका उपयोग नहीं करने वालों पर सख्ती की जाएगी। इसमें ऐसे भूखंडों पर सफाई का कार्य नगर निगम करेगा और उसके बदले उसका शुल्क जोड़ा जाएगा। यह राशि हर बार सफाई पर जुड़ जाएगा। जब भी व्यक्ति भूखंड का नामांतरण या निर्माण स्वीकृति के लिए आवेदन करेगा तब उससे यह राशि वसूली जाएगी।
3. नक्शे में पार्किंग और मौके पर दुकानें नहीं चलेगा
बहुमंजिला इमारतों के स्वीकृत नक्शे में बेसमेंट में पार्किंग चिन्ह्ति कर रखी है और वहां दुकानें या दूसरी गतिविधियां संचालित है तो नहीं चलेगा। इस पर कार्रवाई कर उनको बंद कराया जाएगा।
4. गुलाबबाग में प्रवेश शुल्क
गुलाबबाग में प्रवेश शुल्क लगाकर भी आय हो सकती है। सुझाव था कि पहले बाग में सारी सुविधाएं विकसित हो जाए उसके बाद इस पर विचार किया जा सकता है। अभी वहां बर्ड पार्क से लेकर टॉय ट्रेन शुरू हो। उल्लेखनीय है कि पहले भी बाग में शुल्क की बात उठी तब बड़े स्तर पर विरोध हुआ था।
5. दीनदयाल पार्क निगम का होगा
जिला कलक्टर व यूआईटी चेयरमैन के प्रस्ताव के तहत दीनदयाल पार्क अब यूआईटी की बजाय निगम के पास होगा। निगम का नेहरू पार्क यूआईटी को दिया जाएगा क्योंकि फतहसागर झील अभी यूआईटी के पास है।
6. सामुदायिक भवन अनुबंध पर, दर कम होगी
नगर निगम ने कुछ प्रमुख सामुदायिक भवनों को अनुबंध पर देना तय किया है। इसके लिए जो एग्रीमेंट बनेगा उसमें कई शर्ते होगी और सबसे बड़ी बात यह होगी की उनको उपलब्ध कराने की दर कम रखी जाएगी ताकि आम आदमी उसका उपयोग कर सके। अभी इस प्रक्रिया पर विधिक राय ली जाएगी।
पहले भी गरजे थे, अब कुछ कर दिखाए
खाली भूखंडों की गन्दगी और मच्छरों से पड़ौसियों का जीना ***** है और इसी तरह पार्किंग स्थलों पर व्यसायिक गतिविधियों से सडक़ों पर पार्किंग हम सबके सामने है। इस विषयों पर नगर निगम ेमें जनप्रतिनिधि पहले भी गरजे थे लेकिन औपचारिकताएं मात्र होकर रह गई। खाली भूखंडों को लेकर तो तत्कालीन नगर निगम आयुक्त सिद्धार्थ सिहाग के समय जो सूची बनाई गई थी उस पर भी एक बार तत्काल कार्रवाई की जाए तो बड़े स्तर पर परिणाम सामने आएंगे। तब गरजते हुए दुर्गानर्सरी रोड, मधुवन, हॉस्पिटल रोड पर मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में कुछ कार्रवाई भी की लेकिन आज भी वहां की सडक़ों पर होने वाली पार्किंग व्यवस्था की पोल खोलती है। गुलाबबाग से विकास शुल्क पर चर्चा करना बेमानी है, इस समय तो गुलाबबाग को उजाड़ होने से बचाते हुए उसको बाग का रूप देने पर काम करने की जरूरत है।