Rajasthan Village News

राजस्थान के गांवो की ताज़ा खबरें हिंदी में

शुक्रवार, 21 अगस्त 2020

सफाई में जोधपुर को फास्टेस्ट मूविंग अवार्ड, 243 से 29वीं रैक पर जिन कार्ययोजना से अंक बटोरे, उन्हें धरातल पर उतारे ताे टाॅप-10 में होंगे शामिल

जाेधपुर स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में 214 अंकों की लंबी छलांग लगाकर देश में 29वें और प्रदेश में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। कुल 6000 अंकों में से जोधपुर ने 3615 अंक हासिल किए, जो पिछले वर्ष से 1596 अंक ज्यादा हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 में जोधपुर 2091 अंक ही हासिल कर पाया था। इसके कारण उसको 243वीं रैंक मिली थी। जोधपुर काे 10 लाख से ज्यादा की आबादी वाले शहर में फास्टेस्ट मूविंग का अवार्ड भी मिला। स्मार्ट सिटी व राजधानी का दर्जा होने के बावजूद जयपुर हमसे मात्र 45 अंक ज्यादा लेकर 28वीं रैंक पर है।

जोधपुर नगर निगम अगर केरू में लगे सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का समय पर अपग्रेडेशन कर उसे संचालित कर पाता तो सफाई के मामले में शहर राजस्थान में टॉप बन सकता था। इस प्लांट के बंद हाेने के कारण ही जोधपुर पिछड़ गया। केंद्रीय सर्वे टीम ने कचरा निस्तारण के मामले में जोधपुर को 1000 अंक में से जीरो अंक दिए हैं। अगर प्लांट चालू होता तो 700 से 800 अंक और मिल सकते थे।


निगम की कागजों में पुख्ता तैयारी, सिटीजन फीडबैक और डाेर-टु-डाेर कलेक्शन के चलते यह पहला माैका है, जब जोधपुर टाॅप-30 शहरों में शामिल हुआ है। इससे पहले हमारी टॉप रैंक 57वीं थी, जाे हमें स्वच्छता सर्वेक्षण-2016 में मिली थी।

अब हमें अपनी पोजिशन बरकरार रखने और टाॅप-10 में शामिल हाेने के लिए जाे कार्ययोजना बनाई है, उस पर अमल करना हाेगा। उन्हें कागजों से निकालकर आने वाले पांच माह में काम करके दिखाना होगा। फिलहाल रोड स्वीपिंग के अलावा हमें जिन याेजनाओं के कारण अवार्ड मिला है, उनके हालात काफी खराब हैं।

वैसे देखा जाए तो सफाई की परीक्षा को शुरू हुए अभी पांच साल हुए हैं, लेकिन हमारा शहर कचरा मुक्त होने की दिशा में 15 साल पहले से ही काम करने लग गया था, लेकिन अफसरों की इच्छाशक्ति नहीं होने से वेस्ट का निस्तारण ठप होने से 1000 में से जीरो अंक मिले, वरना हमारी रैंकिंग और बेहतर हाेती। अब स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 का पूरा ध्यान अपशिष्ट जल के निस्तारण और फिर से इस्तेमाल पर केंद्रित है।

सिटीजन फीडबैक और डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन अंकों ने दिलाई रैंक
938/1500

500/1500

1045/1500

1132/1500

अब इस अपशिष्ट जल निस्तारण व उपयोग पर मिलेंगे नंबर

सालावास में 50-50 एलएमडी के दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और नांदड़ी में 20 एमएलडी का प्लांट काम कर रहा है। बासनी बेंदा में 40 एमएलडी का एसटीपी निर्माणाधीन है तो उचियारडा, विवेक विहार व खारड़ा रणधीर में भी छोटे-छोटे एसटीपी बनने प्रस्तावित हैं। यानी पांच माह में करीब 160 एमएलडी सीवेज का पानी उपचारित कर खेती में उपयोग कर सकते हैं।

केरू डंपिंग की मॉनीटरिंग पुख्ता हो जाती तो टाॅप-10 में पहुंच सकता था जोधपुर
बायो माइनिंग में 1000 में से जीराें अंक
केरू डंपिंग स्टेशन पर रोजाना 600 मैट्रिक टन कचरा पहुंच रहा है। इसमें प्लास्टिक कचरे की मात्रा 20-30 फीसदी है। दावा था- प्लास्टिक कचरे से बनने वाली सड़क में 10 फीसदी प्लास्टिक कचरा बिटुमिन के साथ मिलाएंगे। केरू में 250 मीटर लंबी प्लास्टिक कचरे से सड़क बनाएंगे। निगम कलेक्टर को पत्र लिखा है, जवाब नहीं आया।

एमआरएफसी सेंटर : सॉलिड वेस्ट आ रहा
सूखे कचरे से वेस्ट कलेक्शन करने के मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी सेंटर के लिए कैबिन नुमा ब्लॉक बनाकर बोर्ड लगाया। 5 लाख रुपए भी खर्च किए। लेकिन ये ब्लॉक बंद पड़े हैं। कचरा सीधा डंपिंग ग्राउंड पर जा रहा है। इसमें सॉलिड वेस्ट का मलबा ज्यादा है। फिलहाल कचरा सेग्रिकेशन का काम ठेका फर्म को दिया है। यह प्रतिमाह साढ़े 23 हजार दे रहा है।

सीएंडडी वेस्ट : अभी काम नहीं हुआ
निगम ने डंप कचरे का निपटान और सीएंडडी वेस्ट की प्रोसेसिंग का दावा किया था। टेंडर भी निकाले। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की सार्वजनिक सूचना जारी की। लेकिन शहर की सड़कों के किनारे कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन (सीएंडडी) वेस्ट नजर आता है। नोटिस दिए, लेकिन कार्रवाई नहीं की। टेंडर की बात अागे नहीं बढ़ी।

घर-घर कचरा संग्रहण हो पुख्ता
निगम ने अंक जुटाने के लिए शहर के सभी 65 वार्डों को चार-चार वार्डों का क्लस्टर बनाकर घर-घर कचरा संग्रहण का काम शुरू किया। इस काम के लिए ठेका फर्मों काे लगाया दिया, जिन्होंने 236 ऑटो ट्रिपर लगाए। एक साल से शहर के वार्डों में कचरा संग्रहण हाे रहा है, लेकिन डेड एंड से संग्रहण नहीं हो पा रहा। ट्रिपर वाले रोड से स्वीपिंग का कचरा ही उठा रहे हैं।

पहाड़ जैसी चुनौती पार कर हासिल किया पड़ाव अब टॉप रैंकिंग वाले शहरों से सीखना होगा

पिछले साल 7 जनवरी को जॉइन करने के चार दिन बाद ही सेंट्रल की टीम ने जोधपुर का दौरा किया था। यहां कोई तैयारियां नहीं थीं। इसके चलते जोधपुर को रिजल्ट में 243वीं रैंक मिलीं। इसके बाद मैंने इंदौर व भोपाल की तरह वर्किंग शुरू करवाई। सफाई कर्मियों का मनोबल बढ़ाने के लिए उनकी समस्याओं का समाधान किया।

तनख्वाह 15 तारीख को मिलती थीं, जो 1 या 2 को मिलने लगी। स्वच्छता सर्वेक्षण और जागरूकता के लिए लगाए जाने वाले होर्डिंग, पोस्टर में नेताओं व अफसरों की बजाय सफाईकर्मियों के फोटो लगाए। जनता की शिकायतों का 24 घंटे में निस्तारण शुरू किया। घर-घर कचरा संग्रहण में 20% की और गुंजाइश है। अभी एक पड़ाव ही पूरा हुआ है, आगे हम टॉप टेन में आ सकते हैं। इस रैंकिंग से जोधपुर को सेंट्रल की योजनाओं से फंडिंग आसान हो जाएगी।

स्वच्छता सर्वेक्षण 2021
कचरा मुक्ति शहर के 2400 अंक, फीडबैक के 1800

जोधपुर| स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 भी 6000 अंक का होगा, जिसकी गाइडलाइन अप्रैल-2020 से लागू हाे चुकी है। नया यह है कि पिछले सर्वे जहां चार टर्न में था, इस बार तीन टर्न हैं। बेहतर प्रदर्शन करने वाले शहरों को प्रेरक दौड़ सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। इसकी पांच कैटेगरी रहेंगी, जिसमें पूरे साल खरा उतरना होगा। इस बार भी जनता के हाथ में अंक देने की चाबी होगी। इस बार 1500 अंक थे, इस बार सिटीजन वाइस नाम से 1800 अंक रहेंगे। जनता स्वच्छता एप, फेसबुक व इंस्टाग्राम तक से ऑनलाइन फीडबैक दे सकेंगी। इसे सिटीजन वाइस नाम दिया है, जिसमें सफाई से लेकर नपा द्वारा किए जा रहे कार्यों तक के बारे में बताने का मौका होगा।

स्टार रेटिंग में भी मिलेंगे 1800 अंक

सर्विस लेवल प्रोग्रेस
इसके सबसे ज्यादा 40% यानी 2400 अंक इसी के हैं। इसमें निगम को घर-घर से गीला-सूखा कचरा अलग कलेक्शन करना हाेगा। निगम एकत्र कचरे काे किस तरह निपटान करती है या फिर से उपयोग लायक बनाती है, देखा जाएगा।

सीधे जनता से पूछेंगे- खतरनाक कचरे का क्या करती है निगम
निगम खतरनाक श्रेणी के कचरे का निपटान करना जरूरी होगा, जो जनता के लिए खतरनाक है। सरकार इस बार पॉलीथिन-प्लास्टिक के उपयोग रोकने का केवल रिकॉर्ड ही नहीं देखेगी। इसका फीडबैक दुकानदारों, होटल, धर्मशाला, एजुकेशन इंस्टीट्यूट, सरकारी या प्राइवेट ऑफिस आदि से जुड़े लोगों से लिया जाएगा।

प्रेरक सम्मान-स्वच्छता की कैटेगरी

इसे पांच कैटेगरी में विभाजित किया गया है। दौड़ (डीएयुयूआर) अर्थात दिव्य-प्लेटिनम, अनुपम-गोल्ड, उज्जवल-सिल्वर, उदित-ब्रांज व रोही-स्पिरिंग अवॉर्ड दिए हैं। बेस्ट प्लेटिनम सम्मान होगा।

सिटीजन वाइस
इसके 30% यानी 1800 अंक हैं। जनता का फीडबैक लिया जाएगा।
सर्टिफिकेशन-स्टार रेटिंग
इसके 30% अंक। 1100 कचरा मुक्त शहर व 700 ओडीएफ++ के।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
The fastest moving award to Jodhpur in cleaning, the work plan from which points will be scored on the 24th to 29th rack, will be included in the top-10.