मॉस्को। रूस ने मंगलवार को ऐलान किया है कि उसने कोरोना वायरस की वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। साथ ही राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन की तरफ से इस बात से पर्दा उठाया गया है कि अब उनकी बेटी को कोरोना की वैक्सीन दी जा चुकी है। पुतिन ने कहा है कि जल्द ही देश भर में वैक्सीन का उत्पादन शुरू हो जाएगा और बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। अभी तक हालांकि यह जानकारी सामने नहीं आई कि पुतिन की कौन सी बेटी को वैक्सीन दी गई है। वह दो बेटियों मारिया और कटरीना के पिता हैं।
रूस की वेबसाइट रशिया टुडे की तरफ से बताया गया है कि मंगलवार की सुबह पुतिन ने दुनिया को पहली कोरोना वायरस वैक्सीन तैयार होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह वैक्सीन जानलेवा वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी का निर्माण करने में सक्षम है जो तेजी से दुनिया में फैल रहा है और कई लोगों की जान ले रहा है। पुतिन ने अपनी सरकार के सदस्यों से कहा, 'जहां तक मुझे मालूम है यह कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ एक वैक्सीन को इस सुबह रजिस्टर किया गया है, यह दुनिया की पहली वैक्सीन है।' उन्होंने आगे कहा, 'मैं इस वैक्सीन को तैयार करने के काम में लगे हर शख्स का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। यह पूरी दुनिया के लिए एक अहम पल है।'
पुतिन ने जोर दिया कि रूस में वैक्सीनेशन स्वैच्छिक आधार पर होना चाहिए। हर किसी पर प्रतिरक्षण के लिए दबाव नहीं डाला जाना चाहिए। सदस्यों को वैक्सीन के बारे में जानकारी देते समय ही राष्ट्रपति ने बताया कि उनकी एक बेटी को पहले ही वैक्सीनेट किया जा चुका है। कोविड-19 ने अब तक दुनियाभर में सात लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। वहीं दो करोड़ लोग इससे संक्रमित हैं। बताया जा रहा है कि जनवरी में रूस की वैक्सीन सामान्य वितरण के लिए मौजूद होगी। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि फ्रंट लाइन वर्कर्स और उन मेडिकल प्रोफेशनल्स को वैक्सीनेशन में प्राथमिकता दी जाएगी।
रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि नियामक ने दो माह से कम समय में भी ह्यूमन टेस्टिंग के बाद वैक्सीन को मंजूरी दी है। मॉस्को गेमालिया इंस्टीट्यूट में वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल चल रहा था। इस कदम के साथ ही बड़े स्तर पर टीकाकरण की शुरुआत भी हो जाएगी। वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल जिसमें इसकी सुरक्षा और इसके असर को हालांकि अभी तक परखा जा रहा है। जिस स्पीड से रूस में वैक्सीन की तरफ बढ़ रहा है वह इस बात को बताता है कि पुतिन इस रेस को जीतना चाहते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की तरफ से रूस से अपील की गई है कि वह हर तय नियम का पालन करे।
पुतिन ने स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को से कहा है कि वह प्रतिरक्षण की विस्तृत योजना के बारे में उन्हें जानकारी दे। राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, 'मैं जानता हूं कि यह बहुत प्रभावी तरीके से काम करती है, एक स्थिर प्रतिरक्षा का निर्माण करती है और मैं फिर से दोहराता हूं कि इस वैक्सीन ने हर प्रकार के जरूरी परीक्षण को पास कर लिया है।' रूस की कोरोना वायरस वैक्सीन को गमेलिया रिसर्च इंस्टीट्यूट और रूस के रक्षा मंत्रालय की तरफ से तैयार किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा था कि अभी क्लीनिकल ट्रायल डाटा और कोविड-19 वैक्सीन के दूसरी जरूरी डॉक्यूमेंट्स पर काम जारी है और ये सभी एक्सपर्ट रिव्यू से गुजर रहे हैं।
मॉस्को। जिस तरह से कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में तबाही मची हुई है, उससे इतनी बात तो तय है कि इसकी वैक्सीन का अंतरराष्ट्रीय राजनीति में उसका सबसे बड़ा प्रभाव पड़ने वाला है। जो देश इसकी वैक्सीन सबसे पहले तैयार करेगा उसका एक अलग ही दबदबा कायम हो सकेगा। इसी दिशा में रूस ने अपने कदम बढ़ा दिए हैं। जी हां, रूस 12 अगस्त को दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन रजिस्टर कराने के लिए तैयारी कर चुका है। भारत का अहम रणनीतिक साझीदार और चीन का भी करीबी रूस, अब तक हथियारों के लिए जाना जाता है, अब हो सकता है कि कोरोना की वैक्सीन में भी उसका ही नाम हो।
रूस की कोरोना वायरस वैक्सीन को गमेलिया रिसर्च इंस्टीट्यूट और रूस के रक्षा मंत्रालय की तरफ से तैयार किया जा रहा है। हालांकि अभी क्लीनिकल ट्रायल डाटा और कोविड-19 वैक्सीन के दूसरी जरूरी डॉक्यूमेंट्स पर काम जारी है और ये सभी एक्सपर्ट रिव्यू से गुजर रहे हैं। रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वैक्सीन रजिस्ट्रेशन का फैसला इसके नतीजों को देखकर लिया गया है। मंत्रालय ने कहा है, 'स्वास्थ्य मंत्रालय के गेमेलिया रिसर्च इंस्टीट्यूट की तरफ से विकसित वैक्सीन को रजिस्टर कराने के लिए कुछ डॉक्यूमेंट्स की जरूरत है, जिसमें क्लीनिकल ट्रायल डाटा भी शामिल है, ये सभी एक्सपर्ट रिव्यू के लिए गए हैं। रजिस्ट्रेशन का फैसला रिव्यू के नतीजों पर होगा।'
रूस के उप-स्वास्थ्य मंत्री ओलेग ग्रिडनेव ने स्थानीय न्यूज एजेंसी स्पूतनिक को बताया है कि वैक्सीन के लिए फेज-3 का क्लीनिकल ट्रायल जारी है। उन्होंने यह भी बताया है कि सबसे पहले सीनियर सिटीजंस और मेडिकल प्रोफेशनल्स को वैक्सीन दी जाएगी। रूस की इस कोरोना वायरस वैक्सीन का ट्रायल देश के दो इंस्टीट्यूस्ट्स में जारी है- बुरदेनको मेन मिलिट्री क्लीनिकल हॉस्पिटल और सेशेनोव फर्स्ट मॉस्को स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी। 18 जून को वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल शुरू हुआ था जिसमें 38 वॉलेंटियर्स शामिल हुए थे। सभी वॉलेंटियर्स ने डोज देने के बाद इम्यूनिटी विकसित कर ली थी। 15 जुलाई को पहले ग्रुप को डिस्चार्ज कर दिया गया था और दूसरे ग्रुप को 20 जुलाई को छुट्टी मिली थी।
गेमेलिया नेशनल रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर एलेक्जेंडर जिंट्सबर्ग ने बताया कि एडेनोवायरस के आधार पर निर्जीव कणों के लिए वैक्सीन को प्रयोग किया गया था। उन्होंने यह भी बताया है कि इसने किसी भी व्यक्ति के शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। रूस की टेक्नोलॉजी वेक्टरर वैक्सीन है जो SARS-CoV-2 प्रकार के एडेनोवायरस के डीएनए पर आधारित है। रूस के वैज्ञानिकों की टीम ने कोरोना वायरस से जेनेटिक (आनुवांशिक) मैटेरियल को इससे निकाला और फिर उसे बिना नुकसान वाले कैरियर वायरस में ट्रांसफर कर दिया। इसके बाद इसके बहुत छोटे कणों को इंसानों को दिया गया। स्पूतनिक न्यूज के मुताबिक इसी तरह से इसने इम्यून प्रतिक्रिया विकसित कर ली।
एलेक्जेंडर के मुताबिक कोविड-19 के कण सबसे ज्यादा असहजता की वजह बन सकते हैं क्योंकि जब कोई बाहरी एंटीजेट इंजेक्ट किया जाता है तो वैक्सीन हासिल करने वाले व्यक्ति का इम्यून सिस्टम और शक्तिशाली होता है। कुछ लोगों को इस दौरान प्राकृतिक तौर बुखार रह सकता है। क्लीनिकल ट्रायल के दौरान वॉलेंटियर्स का तापमान 37 डिग्री से 38 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया था। एलेक्जेंडर के मुताबिक इस तरह के प्रभाव को पैरासिटामोल से ठीक किया जा सकता है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने रूस से कहा है कि वह सभी तय निर्देशों का पालन सुरक्षित वैक्सीन को विकसित करने के लिए करे।