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बुधवार, 26 अगस्त 2020

कम उम्र में ही चला रहे वाहन, बढ़ रहा हादसे का अंदेशा

जमीन पर पैर टिकते नहीं और बातें हवा से कर रहे हैं। इस तरह का नजारा इन दिनों शहर की सड़कों पर देखने को मिल रहा है। नौसिखिए हाथों ने स्टेयरिंग थाम रखा है जिससे हर कदम पर हादसे का अंदेशा बना हुआ है। ये नाबालिग सड़क व चौराहों को तेज रफ्तार से पार करते हैं। इससे न केवल वे खुद हादसे का शिकार हो सकते है वरन दूसरों को भी चपेट में ले सकते हैं लेकिन परिवहन विभाग या यातायात पुलिस इनके खिलाफ कार्रवाई करने में रुचि नहीं ले रहा है।

टोकते तक नहीं

शहर में वाहन चलाते नाबालिग आसानी से हर जगह देखे जा सकते हंै। अवयस्क वाहन चालकों से सड़क पर चलने वालों की जान को खतरा बना हुआ है। लगभग हर चौराह से अवयस्क वाहन चालक वाहन चलाते दिख जाएंगे लेकिन इनको कोई टोकने वाला या समझाने वाला नहीं है। ऐसे में जरा सी चूक कभी भारी भी पड़ सकती है।

भांप नहीं पाते खतरा

कहने को यह सामान्य सा लगता है लेकिन गंभीर बात है। किशोरवय में उन्हें वाहन नहीं देना चाहिए। उनमें इतनी समझबूझ नहीं होती कि अचानक ही सामने आने वाले खतरे को भांप सके। ऐसे में वे कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं।

अभिभावकों को भी इसका ध्यान रखना चाहिए कि वे परिपक्व आयु के बाद ही वाहन चलाने की मंजूरी दें। कई अभिभावक खुद ही इस प्रवृति को बढ़ावा दे रहे हैं। वे गर्व के साथ बताते हैं कि अभी तो यह होशियार है आराम से वाहन चला लेगा। वाहन चलाते हुए स्टेयरिंग थाम कर उसका हौसला बढ़ाते हैं। अभिभावक अपने बच्चों में हुनर बढ़ाने की चाह में ऐसे करते हैं लेकिन नियम-कायदों को ताक पर रखना खतरनाक ही साबित होता है।

नियमों को नहीं मानते

स्कूली बच्चों में यह प्रवृति ज्यादा बढ़ रही है। एक दुपहिया वाहन पर दो से ज्यादा सवारी बैठी रहती है। व्यस्ततम मार्गों से निकलते हुए फर्राटे से गुजरना जोखिम भरा साबित होता है। नियमानुसार किशोरवय चालकों को 50 सीसी तक के बिना गियर वाहन चलाने का लाइसेंस जारी होता है लेकिन इनमें से भी अधिकतर मोपेड की जगह बिना गियर का स्कूटर या बाइक दौड़ते नजर आते हैं। वही परिवहन अधिकारियों का कहना है कि नाबालिगों का वाहन चलाना गैरकानूनी तो है ही, सामाजिक रूप से भी खतरनाक है इनसे हादसों का अंदेशा बना रहता है। हम तो कार्रवाई करते ही हैं, बच्चों के अभिभावकों को भी इस बारे में जागरुक रहना चाहिए।

यह हैं नियम

  • 16 से 18 वर्ष के किशोर मोपेड चलाने को ही अधिकृत हैं।
  • 18 वर्ष की आयु वाले ही 50 सीसी तक के वाहन चलाने के लिए अधिकृत हैं।
  • कार्रवाई में जुर्माना वसूली व अभिभावकों को पाबंद करने का प्रावधान है।


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