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बुधवार, 16 सितंबर 2020

बुखार और कोरोना के डर के बीच राजस्थान में यहां बिकी 21 लाख रूपए की पैरासिटामोल, अब कम हो रही खपत


अलवर.

कोरोना के दस्तक देने के तुरंत बाजार में सबसे अधिक पैरासिटामोल दवा की बिक्री तेजी से बढ़ी, लेकिन, अब धीरे-धीरे इस दवा की 10 प्रतिशत तक खपत कम हो गई है। इसको लेकर चिकित्सकों के सुझाव भी प्रमुख हैं। शुरूआत में कोरोना से बचने के लिए पैरासिटामोल दवा को अधिक काम में लिया गया। समय के अनुसार कोरोना के मरीजों के इलाज में दवाओं का प्रयोग भी बदलता रहा है। यही नहीं कोरोना के दस्तक देने के बाद आमजन ने प्राथमिक उपचार के तौर पर भी घर पर पैरासिटामोल लाकर रख ली थी। जिससे पैरासिटामोल दवा की रिकॉर्ड खपत बढ़ी थी लेकिन, अब बाजार में इसकी खपत कम होने लगी है।

इन तीन कम्पनी की दवा अधिक
दवा कम्पनी---- अप्रेल-मई में खपत--- अब खपत

कालपोल------ 2 लाख टेबलेट------ 1.75 लाख
सूमो-------- 1.50 लाख टेबलट----- 1.0 लाख

डोलो------- 1.50 लाख------ 1.0 लाख
अन्य कम्पनी ---3.5 लाख -----2.5 लाख

तीन माह में पैरासिटामोल 21 लाख टेबलेट खपी

पहले जिले में करीब एक माह में 7 लाख टेबलेट की खपत थी। जो अब कम होकर करीब 6 लाख के आसपास आ गई है। इस मामले में चिकित्सक तीन-चार प्रमुख कारण मानते हैं। पहला कोरोना के कारण सरकारी अस्पतालों का आउटडोर काफी कम रहा है। मरीज कम आए हैं। दूसरा लॉकडाउन के दौरान बीमार भी लोग कम हुए हैं। तीसरा अन्य बीमार मरीजों को साधारण पैरासिटामोल की बजाय कॉम्बीनेशन में पैरासिटामोल दवा दी जाती हैं। इन सब कारणें के कारण पैरासिटामोल दवा की खपत कम हुई है।
-डॉ. योगेश चौधरी, वरिष्ठ फिजिशियन, जिला अस्पताल अलवर

अब खपत कम

पैरासिटामोल दवाओं की खपत जून से सितम्बर माह में आते-आते कुछ कम हो गई। जिसके अलग-अलग कारण है। जून से पहले अलवर जिले में 7 लाख टेबलेट प्रतिमाह माह बकी हैं, अब कुछ कम हो गई हैं।

नगेन्द्र शर्मा, रीजनल सेल्स मैनेजर, दवा कम्पनी



* This article was originally published here