40 लाख पुराने वाहनों को अब फास्टैग लगाना होगा। इसमें 32 लाख कार-जीप और 8 लाख भारी-यात्री वाहन हैं। सबसे ज्यादा पुराने वाहन जयपुर और जाेधपुर में हैं। ये वे वाहन हैं, जो 1 दिसंबर 2017 से पहले आरटीओ-डीटीओ ऑफिसों में पंजीकृत हुए थे, तब फास्टैग की अनिवार्यता नहीं थी, इस वजह से वाहन निर्माता कंपनियों की तरफ से फास्टैग नहीं लगाया गया था।
अब पुराने वाहनों पर भी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय फास्टैग अनिवार्य करने जा रहा है। हालांकि पहले भी इन वाहनों पर फास्टैग लगा सकते थे, लेकिन अब निर्धारित तारीख के बाद नहीं होने पर कार्रवाई की जा सकेगी। इसे 1 जनवरी 2021 से लागू किया जा सकता है। इसके बाद वाहनों पर कार्रवाई होगी।
फास्टैग नहीं होने से टोल पर लंबी कतार लग जाती है। कैश में एक वाहन पर 2-3 मिनट लगता है, फास्टैग से 20-25 सैकंड लगता है। अभी 60 प्रतिशत वाहन ही फास्टैग का यूज कर रहे हैं।
यहां लगा सकते हैं फास्टैग
फास्टैग किसी भी अधिकृत एजेंसी से लगाया जा सकता है। इसके लिए टोल बूथों पर भी सुविधा उपलब्ध है। साथ में एनएचएआई ने भी जगह-जगह बूथ बना रखे हैं।
- 1 दिसंबर 2017 से पहले पंजीकृत वाहनों पर भी भी फास्टैग अनिवार्य होगा। अभी तो ड्राफ्ट तैयार किया गया है। लोगों के सुझाव-टिप्पणी के बाद इसकी अधिसूचना जारी हो सकती है। - वीरेंद्र सिंह राठौड़, डीटीओ
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