आत्मरस कीर्तन कौंसिल रागी सभा की गुरुवार को एक बैठक संरक्षक दलीपसिंह की धूरी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें तख्त श्री पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रणजीतसिंह गौहर द्वारा कथा के दौरान रागी जत्थों पर की अभद्र टिप्पणी पर रोष प्रकट किया। ज्ञानी रणजीतसिंह की इस टिप्पणी कि रागी जत्थों को गुरुबाणी याद नहीं है और यह मोबाइल देखकर गुरुबानी पढ़ते। जिन रागी जत्थों को गुरुबानी याद नहीं है वह कीर्तन छोड़कर रिक्शा चलाने का कार्य शुरू कर दे, जिस पर रागी जत्थाें में रोष पाया जा रहा है।
धूरी ने कहा कि अगर बैठक रागी जत्थों ने ज्ञानी रणजीतसिंह से अपने शब्द वापिस लेने और अकाल तख्त पर माफी मांग की। अगर वह ऐसा नहीं करते तो रागी जत्थे संघर्ष को मजबूर होंगे। इस मौके पर भुपिन्द्रसिंह, नौनिहालसिंह, पालसिंह पारस, सरबजीतसिंह, हरविंद्रसिंह हीरा, सिमरजीतसिंह, रविंद्रसिंह, किंगकांगसिंह व तिवाड़ीसिंह आदि मौजूद थे।
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