कोरोना महामारी के बीच में सरकार द्वारा शुरू की गई इंदिरा रसोई का खाना लोगों को रास नहीं आ रहा है। सरकार ने जिस मकसद से ग्रेटर नगर निगम व हैरिटेज नगर निगम में 20 इंदिरा रसोई जरूरतमंद लोगों को आठ रुपए प्रति प्लेट में खाना खिलाने के लिए शुरू की थी। उसके पहले एक माह में परिणाम अच्छे नहीं आए हैं। ऐसे मेंं दाेनों निगम की सात रसोई को अफसरों ने शिफ्ट करने की तैयारी कर ली है।
इसके लिए निगम के अफसर ऐसी जगह चिन्हित कर रहे हैं, जहां पर रसोई में ज्यादा से ज्यादा लोग खाना खा सके। योजना के अनुसार प्रत्येक रसोई में प्रतिदिन सुबह-शाम 300 लोगों को खाना खिलाने का टारगेट था। यह टारगेट करीब एक माह में एक भी रसोई ने पूरा नहीं किया है। खास बात तो यह है कि कुछ रसोई में तो प्रतिदिन 100 लोग भी खाना नहीं खा पा रहे हैं।
इसकी बड़ी वजन कोरोना संक्रमण और रसोई में प्रतिदिन डिफरेंट खाना नहीं मिलना माना जा रहा है। ऐसे में लोग इंदिरा रसोई से जुड़ नहीं पा रहे हैं। ग्रेटर निगम में औसतन रोजाना 1600 से 1700 लोगों को खाना खिलाया जा रहा है। जबकि प्रतिदिन दस रसोई का टारगेट तीन हजार लोगों को खाना खिलाने का था।
ये रसोई शिफ्ट की जाएंगी
ग्रेटर नगर निगम में वीकेआई इंडस्ट्रीज एरिया के पास, जगतपुरा और सांगानेर पुलिया के नीच चल रही रसोई व हैरिटेज नगर निगम में सामुदायिक केन्द्र राजामल तालाब, टीला नंबर-5 जवाहर नगर, सामुदायिक केन्द्र सुशीलपुरा और सामुदायिक केन्द्र वार्ड नंबर -78 में चल रही है रसोई का एक्सटेंशन किया जाएगा।
जो रसोई नहीं चल रही है,उनको शिफ्ट करेंगे
- कई जगहों पर परिणाम अच्छे नहीं आ रहे हैं। लोग रोजाना डिफरेंट खाना चाह रहे हैं। ऐसे में जहां पर नाम मात्र की प्लेट ही खाने की बनाई जा रही है, उस रसोई को दूसरी जगह शिफ्ट करेंगे ताकि उसका अधिक से अधिक लोग फायदा उठा सकें। - दिनेश यादव, सीईओ, नगर निगम
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