
शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते जिले के 1324 सहित प्रदेशभर के 18 हजार 764 विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित हैं। पूर्व मैट्रिक छात्रवृत्ति के भुगतान के लिए शाला दर्पण पर संस्था प्रधानों ने विद्यार्थियों के बैंक से संबंधित सूचना एवं विद्यार्थी के नाम की जानकारी गलत भरी, जिससे पात्र होते हुए भी हजारों विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई है।
अब माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी संस्था प्रधानों को संशोधन करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद जिला स्तर पर संस्था प्रधानों काे संशाेधन के लिए 5 अक्टूबर काे आदेश निकाला गया। सभी संस्था प्रधानाें काे याेजना के तहत छात्र-छात्राओं के डेटा में जाे गलती हुई है उसमें संशोधन की आखिरी तारीख 20 अक्टूबर निर्धारित की गई है।
दरअसल, राजकीय एवं निजी स्कूलों के बच्चों के लिए समस्त पूर्व मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं के आवेदन मांगे गए थे। कोविड-19 के मद्देनजर रखते हुए विद्यालयों में नियमित रूप से विद्यार्थी नहीं आ रहे थे। ऐसे में विद्यालय में उपलब्ध संस्थाप्रधान एवं शिक्षकों को ही उत्तरदायित्व दिया था कि वो पात्र विद्यार्थियों के अभिभावकों से नवीनतम आय घोषणा पत्र प्राप्त कर उनकी छात्रवृत्ति का नवीनीकरण शाला दर्पण पोर्टल पर करवाएं।
निदेशालय ने लापरवाह संस्था प्रधानों और कर्मचारियाें के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के प्रस्ताव भिजवाने के लिए कहा
विद्यालयों के शाला दर्पण पोर्टल पर ऐसे सभी विद्यार्थियों के डाटा प्रदर्शित हो रहे हैं। जिनकी वांछित सूचना गलत भरी गई। गलत भरी गई सूचना को निदेशालय ने 20 अक्टूबर तक संशोधित करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने 24 जुलाई को पत्र जारी कर जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि विद्यार्थियों की वांछित सूचना गलत भरी है उसमें संशोधन करवाएं। लेकिन विभाग के ध्यान में आया है कि इसके बाद भी इस कार्य में शिथिलता व उदासीनता बरती जा रही है। डेटा सही नहीं किए जा रहे हैं। इसे निदेशक ने गंभीरता से लिया है। ऐसे संस्था प्रधानों व कर्मचारियाें के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए हैं।
गलत सूचना से छात्र-छात्राओं काे छात्रवृत्ति का नहीं हाे पा रहा भुगतान : अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय माध्यमिक सुरेश सोनी ने बताया कि 2019-20 में सभी प्रकार की पूर्व मैट्रिक छात्रवृत्तियों के भुगतान के लिए शाला दर्पण पोर्टल पर स्कॉलरशिप मॉड्यूल में पात्र छात्र-छात्राओं के ऑनलाइन आवेदन भरकर संबंधित संस्था प्रधानों ने लॉक किया था, लेकिन शाला दर्पण पर अधिकांश विद्यार्थियों के बैंक से संबंधित सूचना एवं विद्यार्थी के नाम से संबंधित सूचना गलत खाता संख्या या आईएफएससी कोड प्रदर्शित हो रहे हैं। इससे विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं हो पा रहा है। ऐसे बैंक डिटेल सहित अन्य जानकारियों को शाला दर्पण पोर्टल पर संशोधन किया जा रहा है। इसके लिए सभी संस्थाप्रधानों के निर्देश दिए गए है।
किस जिले से कितने छात्र-छात्राएं अभी तक छात्रवृत्ति से वंचित हैं
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रभावित छात्र-छात्राओं में सबसे अधिक उदयपुर जिले के 5,050 विद्यार्थी हैं। इसके बाद बांसवाड़ा के 2,744, नागौर 1324, अजमेर के 57, अलवर के 144, बारां के 61, बाड़मेर के 554, भरतपुर के 74, भीलवाड़ा के 224, बीकानेर के 284, बूंदी के 43, चितौड़गढ़ के 224, चूरू के 175, दौसा के 603, धौलपुर के 286,डूंगरपुर के 1151, श्रीगंगानगर के 159, हनुमानगढ़ के 580, जयपुर के 589, जैसलमेर के 162, जालाैर के 692, झालावाड़ के 81, झुंझुनूं के 147, जोधपुर के 833, करौली 159, कोटा 71, पाली 53, प्रतापगढ़ के 984, राजसमंद के 775, सवाईमाधोपुर के 57, सीकर के 109, सिरोही के 225 एवं टोंक जिले के 110 विद्यार्थी वंचित चल रहे हैं।
पूर्व मैट्रिक छात्रवृत्ति में छात्र-छात्राओं के आवेदन में गलत सूचना भरी जाने काे लेकर जानकारी सामने आते ही विभाग ने संस्था प्रधानों काे संशाेधन के लिए निर्देश दे दिए हैं। बैंक डिटेल संशोधन होगा, आधार व जन आधार से जुड़ी जानकारियां गलत भरी गई है। ऐसे में 1324 छात्र-छात्राओं की सूचना में संशोधन किया जाएगा। शिक्षा विभाग काे 20 अक्टूबर तक 159 छात्र-छात्राओं की सूचना काे संशाेधित कर नहीं भेजने वाले संस्था प्रधान व कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
-सुरेश सोनी, एडीईओ माध्यमिक मुख्यालय।
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