कोरोना वायरस के चलते प्रदेश में दूध व्यापार काे बड़ा नुकसान हुआ है। डेयरियों में दूध की ब्रिक्री 50 फीसदी रह गई। दूध नहीं बिकने से लगातार डेयरियाें में घी और दूध पाउडर बनाया गया। लेकिन शादी समाराेह, सार्वजनिक कार्यक्रम आदि नहीं हाेने से इनकी खपत नहीं हुई और इसका बड़ा स्टाॅक खड़ा हाे गया। अकेले उदयपुर सरस डेयरी में 250 टन घी और 500 टन पाउडर का स्टॉक हाे गया है। इसकी कीमत करीब 23.50 करोड़ रुपए है। बांसवाड़ा और डूंगरपुर में भी दूध की ब्रिक्री में काफी गिरावट आई है।
लॉकडाउन से पहले बांसवाड़ा-डूंगरपुर से उदयपुर डेयरी के लिए 25 से 28 हजार लीटर दूध प्रति दिन सप्लाई होता था जो अब घटकर 11, 265 हजार लीटर रह गया है। चाैंकाने वाली बात यह है कि इसमें मात्र 5 हजार 667 लीटर ही सप्लाई हाे पा रहा है। जिसके चलते राेजाना 6 हजार लीटर दूध का स्टॉक हो रहा है। अब डेयरी संघ के सामने यह मुश्किल खड़ी हाे रही है, राेजाना कितना घी और पाउडर बनाए। ऐसे ही 22 लाख 29 हजार लीटर दूध जयपुर डेयरी में आ रहा है, लेकिन बिक्री 18 लाख 28 हजार लीटर की ही हो रही है। 4 लाख लीटर दूध प्रतिदिन बच रहा है।
दूध की खरीद: उदयपुर डेयरी में वर्ष 2018-19 की बात करें तो 27 लाख 91 हजार लीटर प्रतिदिन दूध की खरीद की गई। 2019-20 में 26 लाख 68 हजार लीटर की प्रति दिन औसत खरीद हुई। वहीं 2020-21 की बात करें तो अप्रैल के पूरे माह में 27 लाख 99 हजार लीटर, मई में 24 लाख 9 हजार लीटर और जून में 19 लाख 96 हजार लीटर दूध की खरीद हुई है।
दूध की ब्रिकी: उदयपुर डेयरी में वर्ष 2018-19 में दूध ब्रिक्री अाैसतन 19 लाख 57 हजार लीटर प्रतिदिन थी। इसी तरह 2019-20 में यह अांकड़ा 20 लाख 77 हजार लीटर था। इसी तरह 2020-21 में अप्रैल के पूरे माह 14 लाख 49 हजार लीटर, मई-15 लाख 30 हजार लीटर और जून में 17 लाख 8 हजार लीटर दूध की ब्रिक्री हुई है।
बांसवाड़ा-डूंगरपुर में हर माह 3 हजार किलो घी की सप्लाई घटी
कोरोना काल से पहले औसतन हर महीने 7 हजार किलो घी बांसवाड़ा-डूंगरपुर में सप्लाई होता था। अब यह घटकर 4 हजार किलो रह गया है। अभी भी जिलेभर में स्कूल, हॉस्टल, रेस्टोरेंट, वाटिका, शादी के कार्यक्रम, सार्वजनिक कार्यक्रम बंद है। इसका सीधा असर इस पर पड़ा है। डेयरी संघ के मुताबिक पहले दोनों जिलों में करीब 8 से 10 हजार लीटर दूध स्कूलों, हॉस्टलों अन्य सरकारी दफ्तरों में बिक जाता था। इस इसका घी बनाना पड़ रहा है। इसलिए स्टाॅक बढ़ गया।
पशुपालकों से 33 रुपए प्रति किलो की दर से दूध खरीद रहे डेयरी संचालक
दूध की बिक्री घटने का असर खरीद अाैर बिक्री दर पर भी पड़ा है। अभी पशुपालकाें से 3 रुपए सस्ता दूध खरीदा जा रहा है। पहले 36 रुपए प्रति किलो की दर थी, वहीं अब 33 रुपए प्रति किलो की खरीद दर है। कम दर के कारण कई पशुपालकाें ने डेयरी काे दूध देना बंद कर दिया है। पशुपालक खुद गांवाें अाैर शहराें में जाकर दूध सप्लाई करने लगे हैं। वहीं डेयरी भी अन्य कंपनी को बेचने वाले दूध में भी 10 रुपए की कमी आ गई है। जहां पहले डेयरी कंपनियों को 50 रुपए प्रति किलो के हिसाब से दूध बेचते थे अब इसकी दर भी 40 रुपए तक पहुंच गई है।
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