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शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2020

21 माह से फरार पटवारी का गिरफ्तारी वारंट जारी इंतकाल दर्ज करने के बदले मांगे थे 13 हजार रुपए

रिश्वत मांगने के मामले में 21 माह से फरार चल रहे पटवारी पर एसीबी काेर्ट ने शिकंजा कस दिया है। आराेपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। अगर आराेपी ने अभी भी एसीबी के जांच अधिकारी के सामने समर्पण नहीं किया ताे उसकी संपत्ति कुर्की की कार्रवाई शुरू की जाएगी। एसीबी के डीआईजी विष्णुकांत ने बताया कि श्रीगंगानगर में वृद्ध आश्रम राेड पर सिद्धार्थ नगर निवासी पटवारी दीपेश बिश्नाेई पुत्र रामकुमार बिश्नाेई के खिलाफ एसीबी मामलाें की विशेष अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। आराेपी के खिलाफ एसीबी ने रिश्वत की मांग का मामला दर्ज किया हुआ है। इसकी जांच श्रीगंगानगर चाैकी में तैनात डीवाईएसपी वेदप्रकाश लखाेटिया कर रहे हैं।

परिवादी संदीप पूनिया ने ब्यूराे कार्यालय में परिवाद पेश कर बताया था कि पटवारी दीपेश बिश्नाेई जिसकी श्रीगंगानगर तहसील क्षेत्र में ड्यूटी है। परिवादी के पिता के नाम से हल्के में 17 बीघा जमीन है। परिवादी के पिता की मृत्यु के बाद इस जमीन का इंतकाल परिवादी व अन्य वारिसाें के नाम दर्ज करवाने के लिए मार्च 2019 में आराेपी पटवारी से मिला। तब पटवारी दीपेश बिश्नाेई ने प्रति बीघा एक हजार रुपए रिश्वत की मांग की। इस पर परिवादी ने 12 मार्च 2019 काे ब्यूराे चाैकी में शिकायत की। शिकायत का सत्यापन करवाया तब आराेपी ने 13 हजार रुपए में इंतकाल दर्ज करने का साैदा तय कर लिया। परिवादी ने माैके पर ही आराेपी काे 5 हजार रुपए की रिश्वत भी दे दी। इसके बाद आराेपी काे एसीबी में शिकायत की भनक लगने पर उसने रिश्वत की शेष राशि 8 हजार रुपए बाद में लेने का कहकर टाल दिया।

आराेपी पटवारी निलंबित, अनुपस्थित चल रहा: एसीबी की ओर से शिकायत के सत्यापन के आधार पर रिश्वत की मांग का केस बनाकर मुख्यालय भेजा गया। इस मामले में अभियाेजन स्वीकृति के लिए कलेक्टर श्रीगंगानगर से अनुमति ले ली गई। इधर कलेक्टर ने आराेपी पटवारी दीपेश बिश्नाेई काे अनूपगढ़ तहसील में लगाया दिया। निलंबन के बाद उसे श्रीकरणपुर तहसील में उपस्थिति देने के आदेश दे दिए लेकिन आराेपी ट्रेप अधूरा रहने के बाद से गायब है। वह श्रीकरणपुर तहसील मुख्यालय से भी अनुपस्थित चल रहा है। एसीबी ब्यूराे जांच अधिकारी डीवाईएसपी लखाेटिया ने बताया कि आराेपी काे गिरफ्तार करने के लिए कई बार दबिश दी गई लेकिन वह कहीं नहीं मिला। इस पर अब अदालत ने उसके खिलाफ वारंट जारी किया है। अगर अभी भी आराेपी जांच अधिकारी के सामने पेश नहीं हुआ ताे अदालत द्वारा आराेपी की संपति कुर्क करवाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।



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