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मंगलवार, 20 अक्तूबर 2020

नगर निगम चुनाव में टिकट वितरण से उपजे विरोध पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां का पार्टी के विधायकाें काे स्पष्ट मैसेज

नगर निगम चुनाव में पार्षद प्रत्याशियाें के टिकट वितरण काे लेकर भाजपा में विधायकाें, पूर्व विधायकाेंं और संगठन के बीच जमकर विवाद हुए। टिकट बांटने में विधायकाें और पूर्व विधायकाें पर संगठन भारी पड़ा है। शहर विधायकाें और पूर्व विधायकाें की कम चली है, जिसकाे लेकर कई तरह की सियासी चर्चाएं शुरू हाे गई हैं।

इन्हीं मुद्दाें काे लेकर दैनिक भास्कर ने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां से बातचीत की, जिसमें पूनियां ने कहा कि पार्टी का अस्तित्व हाेता है, विधायक का नहीं। पार्टी की वजह से काेई व्यक्ति विधायक बनता है। विधायकाें की वजह से पार्टियां नहीं बनती हैं।

भाजपा और आरएसएस की विचारधारा एक है, संघ के कहने पर भी टिकट दिए गए हैं, ताकि पार्टी को मजबूती मिल सके, हमने मंडल और बूथ स्तर पर डेमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी दी है

क्या आरएसएस की सिफारिश पर भी टिकट दिए हैं?
जवाब: आरएसएस के लाेग पार्टी के साथ खड़े हैं। संगठन और उनकी विचारधारा एक है। ऐसे में उनके कहने पर भी हमने टिकट दिए हैं। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि पार्टी काे मजबूती मिले।
पार्षद उम्मीदवाराें काे दूसरे वार्डों से लड़ाया गया है, अधिकतम उम्र सीमा आपने 65 तय की थी, लेकिन टिकट ज्यादा उम्र वालाें काे भी दिए गए?
जवाब: नए परिसीमन के बाद मूल वार्ड टूटने से एक वार्ड चार वार्डों तक में विभाजित हुआ है। ऐसे में हमने मूल वार्ड के पार्ट काे क्राॅस नहीं किया है। ये भी हमारी टिकट देने की पाॅलिसी का एक हिस्सा रहा। हमने 65 वर्ष से अधिक उम्र की मुन्नीदेवी, कैलाश चंद शर्मा का टिकट वापस ले लिया है। उनकी जगह नए प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं।
कई टिकटाें में संगठन और विधायक के बीच एक राय नहीं रही, ऐसे में डेमेज कंट्राेल पर क्या रणनीति है ?
जवाब : विधायक का अकेले का अस्तित्व नहीं हाेता है। अस्तित्व पार्टी का हाेता है। ये बात विधायक भी जानते हैं और मजबूती से पार्टी के साथ खड़े हैं। उधर, रही बात बागियाें की ताे हमने मंडल और बूथ स्तर पर डेमेज कंट्राेल की जिम्मेदारी दी है। मैं इसकी माॅनिटरिंग कर रहा हूं। बागी हाेने वाले भी हमारे अपने हैं। इन्हें हम मना लेंगे।
मेयर पर क्या बीजेपी हाईब्रिड फॉर्मूले का उपयाेग करेगी?
जवाब: इसकी नाैबत ही नहीं आएगी, क्याेंकि हमारे यहां रिजर्व केटेगरी की महिला प्रत्याशी बड़ी संख्या में जीत रही हैं। इन्हीं में से मेयर बनेगा।
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, ऐसे में निगम चुनाव में बीजेपी कितनी सफल हाेगी?
जवाब : प्रदेश में कांग्रेस की सरकार हाेते हुए भी बीजेपी में टिकट का ज्यादा क्रेज देखा गया है। यह आनंद का विषय भी है और चुनाैती भी है। हम सभी छह नगर निगमाें में जीत दर्ज करने जा रहे हैं।

टिकट वितरण के बाद विधायकाें, पूर्व विधायकाें में असंताेष है, क्या इससे बीजेपी काे नुकसान का खतरा है?
जवाब: विधायकाें की ओर से सुझाए गए नाम और संगठन द्वारा तय किए गए नामाें में संतुलन रखा गया है। पार्टी के अंदर कुछ लाेग ऐसे हाेते हैं जाे साइलेंट वर्कर के रूप में काम करते हैं। उन्हें भी हमने माैका दिया है। चूंकि विधायक भी संगठन से ही बनते हैं। ऐसे में वे संगठन की इस पाॅलिसी का विराेध नहीं करेंगे। बहरहाल विधायक सहित सभी लाेग पार्टी के साथ खड़े हैं और एकजुट हैं।



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टिकट बांटने में विधायकाें और पूर्व विधायकाें पर संगठन भारी पड़ा है