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शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2020

जालोर के शिक्षक संदीप जाेशी के ड्रीम प्राेजेक्ट नाे बैग डे काे सीएम ने किया लाॅन्च

प्रतिवर्ष शिक्षक दिवस पर आयोजित होने वाला राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान कार्यक्रम गुरुवार काे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा एवं शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों की उपस्थिति में संपन्न हुआ। पहले यह कार्यक्रम 5 सितंबर काे हाेना था, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन के कारण इसे स्थगित किया गया था।

कोरोना महामारी के चलते यह राज्य स्तरीय समारोह भी वर्चुअल रूप में आयोजित किया गया। इस दाैरान शिक्षा से जुड़ी दो महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा भी की गई। जिसमें पहली ई-शिक्षा व दूसरी नो बैग-डे है। नो बैग डे योजना की घोषणा सरकार ने अपने बजट भाषण में की थी, जिसके तहत अब बच्चे शनिवार को बिना बस्ता लिए स्कूल जाएंगे। शनिवार को पूरे दिन खेलकूद के साथ व्यक्तित्व विकास की विभिन्न गतिविधियां हाेंगी एवं हैप्पीनेस थैरेपी दी जाएगी।

जालोर के शिक्षक ने दिया था सुझाव : जालोर जिले में पदस्थ व्याख्याता संदीप जोशी पिछले लंबे समय से बस्ते के बोझ को कम करने को लेकर प्रयासरत हैं। वर्ष 2008 में वे तृतीय श्रेणी शिक्षक के रूप में कार्यरत थे। तब उन्होंने बस्ते के बोझ को कम करने के संबंध में अपने दो सुझाव मासिक पाठ्यपुस्तक और बस्ता मुक्त शनिवार का सुझाव दिया था। लंबे प्रयासों के बाद इस वर्ष राज्य सरकार ने उनके दोनों सुझावों को लागू कर दिया है। पहली से पांचवीं कक्षा तक त्रैमासिक पाठ्यपुस्तकें भी इस सत्र से लागू हो गई है और अब गुरुवार काे राज्य स्तरीय समारोह में हर शनिवार काे बस्ता मुक्त दिवस की पूर्ण योजना भी लागू कर दी गई है।

ऐसे बात आगे बढ़ी
शिक्षक जोशी बच्चों के बस्ते के बोझ को कम करके शिक्षा को आनंददाई बनाने के लिए लंबे समय से प्रयासरत है। वर्ष 2008 में उन्होंने अपने दो सुझाव सरकार एवं शिक्षा विभाग के सामने रखे थे। एवं लगातार इस दिशा में कार्यशील रहे। इसके लिए पत्र लिखे और शिक्षा से जुड़े विभिन्न मंचों पर उन्होंने अपने सुझाव समाज एवं देश के सामने रखें।

एनसीईआरटी एवं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बस्ते के बोझ को कम करने के लिए नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित राष्ट्रीय स्तरीय कार्यशाला में शिक्षक जोशी को निमंत्रण दिया था। जहां उन्होंने अपने दोनों सुझाव देशभर के शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के सामने रखे थे। देशभर के 10 अन्य राज्य भी अपने-अपने प्रांतों में बस्ता मुक्त शनिवार लागू कर चुके हैं। देश के विभिन्न भागों में इसे फन-डे, जॉय फुल सैटरडे एवं आनंद वार के नाम से लागू किया है।

एक सामान्य शिक्षक द्वारा दिए गए सुझावों को महत्व देकर राज्य सरकार ने लागू किया है। इससे समस्त शिक्षक वर्ग का गौरव बढ़ा है। त्रैमासिक पाठ्यपुस्तक और नो बैग डे योजनाएं गांधीजी के शिक्षा दर्शन और उनकी बुनियादी शिक्षा के सिद्धांतों के अनुरूप हैं। यह दोनों योजनाएं बालकों के मन-मस्तिष्क और हाथ के कौशल का विकास करने वाली सिद्ध होगी। इसके लिए सरकार को बहुत साधुवाद।
-संदीप जोशी, शिक्षक

25 से अधिक नवाचार, खुद भी राज्य पुरस्कार से सम्मानित

समारोह में शिक्षक संदीप जोशी को राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। शिक्षक जोशी विद्यालयी शिक्षा में अब तक 25 से अधिक नवाचार पर चुके हैं एवं वर्तमान में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद एनसीटीई के सदस्य भी है।



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