झुंझुनूं/मलसीसर.जिला मुख्यालय में किसानों के छः संगठन एक मंच पर आकर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर संपूर्ण उपज की खरीद की गारंटी का कानून बनाने सहित अपनी मांंगों के लिए संघर्ष का समान कार्यक्रम बनाकर अपने आंदोलन को नया रुप दे दिया हैं। किसान पंचायत के कैप्टन मोहनलाल ने बताया कि जिले के सभी किसान देश के किसानों के समर्थन में एक बैनर के नीचे आकर केंद्र सरकार के किसान विरोधी काले कानून को वपिस लेने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन सौंपेंगे । किसान , बेरोजगार युवा , छात्र, व्यापारी वर्ग व सर्व समाज के लोगो ने काले कानून के विरोध में किसानों का समर्थन किया है ।प्रदर्शन में कोई भी राजनीतिक पार्टी नही केवल किसानों के बैनर के नीचे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से किसान आंदोलन को तेज करेंगे।
कैप्टन मोहनलाल ने बताया कि किसानों की सुनिश्चित आय एवं मूल्य का अधिकार विधेयक 2012 के प्रारूप के आधार पर एक निजी विधेयक को लोकसभा में आठ अगस्त 2014 को विचारार्थ स्वीकार किया गया था लेकिन छह साल बाद भी सरकार ने इसे पारित करने में सार्थक पहल नहीं की। इसके विपरीत सरकार बड़े पूंजीपतियों को कृषि उपजों के व्यापार का एकाधिकार सौंपने, किसानों को उनकी भूमि पर ही मजदूर बनाने संबंधी अध्यादेश लेकर आई, जिससे जहां देश के किसानों में रोष व्याप्त वहीं इससे किसानों एवं देश को नुकसान भी होगा।संगठन के निर्णय के अनुसार ये संगठन एक राष्ट्र-एक बाजार के नाम पर केन्द्र सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 में भंडारण सीमा को समाप्त करने संबंधी संशोधन के साथ कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य संवर्धन एवं सुविधा अध्यादेश, 2020 एवं मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान सशक्तिकरण और सुरक्षा अध्यादेश, 2020 को वापस लेने के लिए सभी किसान शनिवार को सुबह 11 बजे जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने उपस्थित होकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।