पाली.आपसी रंजिश के कारण झूठे मुकदमे दर्ज कराने वालों से पुलिस खासी परेशान है। इस वर्ष नवम्बर माह तक एक हजार से अधिक झूठे मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इससे पुलिस की समय की बर्बादी भी खासी है। अब पुलिस ने ऐसे झूठे मामले दर्ज करवाने वालों की नाक में नकेल डालने के लिए कमर कस ली है। नए साल में पुलिस इनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।
मर्डर व बलात्कार के भी झूठे मामले
पाली जिले में आपसी द्वेषता के चलते कुछ लोगों ने आपस में झूठे मामलों में एक- दूसरे को पुलिस कोर्ट में फंसाने के लिए झूठे मुकदमों का सहारा लेना शुरू कर दिया है। यहां तक मारपीट, बलात्कार, अपहरण, एससी-एसटी एक्ट के साथ ही नकबजनी व मर्डर के मामले भी झूठे दर्ज कराए गए हैं। इससे पुलिस खासी परेशान है। एक तो समय की बर्बादी और सत्य व झूठ का पर्दाफाश करने के लिए माथापच्ची। ऐसे में पुलिस को भारी मात्रा में मानसिक शारीरिक परेशानी झेलनी पड़ती है और राजस्व का भी चूना लगता है। इस हालात से निपटने के लिए पाली जिला पुलिस ने नए साल में झूठे मुकदमे दर्ज कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की ठान ली है और झूठे मुकदमों का चिह्निकरण कर पुलिस कोर्ट में झूठे मुकदमा दर्ज कराने वालों के खिलाफ इस्तगासा भी पेश करेगी।
बलात्कार व अपहरण के झूठे मामलों ने बढ़ाई परेशानी
पाली पुलिस की माने तो इस साल नवम्बर माह तक बलात्कार के 131 मुकदमें दर्ज किए गए। इनमे से 36 मामले झूठे निकले। इसी प्रकार अपहरण के 167 मामले दर्ज किए गए, इनमें से 75 मामले झूठे लगे, इन पर एफआर लगा दी गई। यहां तक हत्या के चार व हत्या के प्रयास के भी दो मामले झूठे पाए गए। नवम्बर माह तक जिले के थानों में दर्ज कुल 5417 मुकदमों में से 1080 मामले अदम वक्कू यानि झूठे निकले। पुलिस ने इन पर एफआर लगा कोर्ट में फाइल पेश करने की तैयारी कर ली है। ऐसे मामलों से परेशान होकर पुलिस ने झूठा मुकदमा दर्ज करवाने वालों के खिलाफ कार्रवाई का मानस बनाया है, ताकि आने वाले दिनों में इन हालातों से नहीं जूंझना पड़े।
रंजिश के चलते करवाते हैं झूठे मामले, अब करेंगे कार्रवाई
रंजिश के चलते लोग पुलिस में झूठे मामले दर्ज करवाते है, यह गलत है। इससे पुलिस का तो समय खराब होता ही है, परेशानी बढ़ती है। अब झूठा मुकदमा दर्ज करवाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। - राहुल कोटोकी, एसपी, पाली।
आइपीसी में भी है प्रावधान
किसी व्यक्ति की ओर से झूठा मुकदमा दर्ज कराने पर धारा 182 211 भादसं में इस्तगासा पेश करने का प्रावधान पहले से ही है। धारा 182 के तहत किसी ने झूठी गवाही दी हो तथा धारा 211 के तहत किसी ने गलत सूचना दर्ज कराई हो तो कार्रवाई होती है। इस्तगासा पेश होने के बाद ऐसे मामलों में न्यायालय में सजा का प्रावधान भी है।