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रविवार, 21 मार्च 2021

राज्य सूचना आयोग का चला चाबुक, कार्यपालन यंत्री पर 25 हजार रुपये का जुर्माना, लिपिक निलंबित

कटनी. नगर निगम में एक और गड़बड़ी का मामला सामने आया है, जिस पर ननि के जिम्मेदार अधिकारी दबाते रहे, लेकिन राज्य सूचना आयोग ने मामले को संज्ञान में लिया और ए-0625/2020 पर सुनवाई करते हुए प्रकरण एक वर्ष लंबित रखने पर प्रथम अपीलीय अधिकारी कार्यपालन यंत्री राकेश पर आदेश का पालन नहीं करने के कारण राशि 25 हजार से दंड देने के निर्देश दिए। साथ ही दोषी कर्मचारी के विरूद्ध एफआईआर कराते हुए अगली सुनवाई में शपथ पत्र के साथ प्रतिवेदन मांगा गया है। प्रकरण पर कार्यपालन यंत्री, लोक सूचना अधिकारी द्वारा प्रतिवेदन दिया कि उनके द्वारा 18 अक्टूबर 2019 को एफआईआर करानें के आदेश दिए गए थे, लेकिन प्रकरण संबंधित लिपिक द्वारा एक वर्ष 5 माह पश्चात मांगे जाने पर प्रस्तुत किया गया है। निगमायुक्त सत्येन्द्र सिंह धाकरे ने प्रकरण के अवलोकन पर अत्यंत गंभीर होने पर प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेश के उपरांत भी प्रकरण पर एफआईआर नहीं कराने, अनावश्यक रूप से प्रकरण को इतने अधिक समय तक लंबित रखने, कार्य के लापरवाही व अनुशासनहीनता पाये जाने पर भवन अनुज्ञा शाखा के लिपिक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर आरोप पत्र आदि जारी कर एक माह में विभागीय जांच प्रतिवेदन प्रस्तुतत करने आदेश जारी किया है।

प्रसाधन की जमीन में कब्जे का मामला
झंडा बाजार स्थित गल्ला मार्केट में नगर निगम की दुकानें हैं, इनके पीछे एक प्रसाधन स्वीकृत हुआ था, लेकिन ननि कर्मियों ने कब्जा करा दिया, यह 2013 में मनमानी की गई। इस पर विकास कुमार बांझल ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी। प्रथम अपील में आयुक्त आरपी सिंह ने दोषी को चिन्हित करते हुए विभागीय जांच कर एफआइआर करने कहा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं। जिसको आयोग ने संज्ञान में लिया 15 मार्च को सुनवाई की। इसमें कार्यपालन यंत्री राकेश शर्मा को 25 हजार रुपये के शस्ति का नोटिस जारी करने का आदेश दिया। दोषियों के बारे में तत्काल जानकारी देने कहा। वहीं इस मामले में आयुक्त ने दोषी लिपिक राजकुमार सोनी को पाते हुए आयोग के निर्देश पर निलंबित कर दिया है। सहायक लोक सूचना अधिकारी सहायक यंत्री जागेेंद्र सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे में जवाब मांगा गया है कि दोषी कर्मचारी पर अबतक कार्रवाई क्यों नहीं की गई।



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