जयपुर. 30 मार्च 2021 को चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितिया तिथि है। इस दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। इसे भातृ द्वितिया के नाम से भी जाना जाता है। भाई दूज का पर्व भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है। यह पर्व साल में दो बार आता है, एक होली के बाद और दूसरा दीपावली के बाद। भाईदोज के साथ ही इस दिन भगवान चित्रगुप्त की भी पूजा की जाती है।
चैत्र द्वितिया यानि होली के अगले दिन भातृ द्वितिया या भाई दूज पर शुभ मुहूर्त में बहन अपने भाई को तिलक लगाती है। ज्योतिषाचार्य पंडित जीके मिश्र के मुताबिक इस दिन स्नान आदि से निवृत्त होकर अपने हाथों से भोजन बनाकर भाई को खिलाएं। अगर बहन की शादी हो चुकी है तो बहन भाई को अपने घर पर भोजन के लिए आमंत्रित करें। भोजन कराने से पहले भाई तिलक करें और उनकी आरती उतारें।
बहन जहां अपने भाई के सुखद जीवन की कामना करती हैं, वहीं भाई उनकी रक्षा का वचन देते हुए उन्हें उपहार देते हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित एमकुमार शर्मा के अनुसार इस बार चैत्र कृष्ण द्वितीया का प्रारंभ 29 मार्च को रात 08 बजकर 54 मिनट पर हो चुका है। इसका समापन 30 मार्च की शाम 05 बजकर 27 मिनट पर होगा। आज यथासंभव शाम तक ही भाई दूज की पूजा कर लेनी चाहिए।
तिलक लगाने के सबसे शुभ मुहूर्त-
सुबह 06:02 बजे से 12:22 बजे तक।
पूर्वान्ह 11:48 बजे से 12:38 बजे तक।
मध्यान्ह 02:17 बजे से 03:06 बजे तक।
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