बेंगलूरु. उच्च न्यायालय ने बल्लारी जिले का विभाजन कर विजयनगर जिले के निर्माण पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका खारिज कर दी है।
मुख्य न्यायाधीश एएस ओक के नेतृत्व वाली पीठ ने बल्लारी जिले के कंपली निवासी केएस चांदपाशा की ओर से दायर इस याचिका की सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के इस प्रशासनिक फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए इस याचिका को खारिज कर दिया है।
इससे पहले इस याचिका को लेकर उच्च न्यायालय ने राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव, भू सर्वेक्षण विभाग के प्रमुख सचिव, कलबुर्गी के क्षेत्रीय आयुक्त तथा बल्लारी जिला प्रशासन को नोटिस देकर इस मामले को लेकर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए थे। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के पश्चात उच्च न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता की कंपली तहसील को विजयनगर जिले में शामिल करने की मांग भी अदालत ने खारिज कर दी है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने 8 फरवरी को जारी अधिसूचना के तहत बल्लारी जिले को बल्लारी तथा विजयनगर जिलों में विभाजित करने की घोषणा की थी। जिसके तहत विजयनगर राज्य का 31 वां जिला बना था।
बजरी की खदान में मिली प्राचीन प्रतिमा
हासन. जिले के हालेबेलूर गांव में स्थित बजरी की खदान में दबी 4.5 फीट ऊंची पुरातन चन्नकेशवस्वामी की प्रतिमा मिली है। इस खदान में जब जेसीबी मशीन ने बजरी निकाली जा रही थी तब यह प्रतिमा देखकर जेसीबी के चालक ने गांव वालों को सूचित किया।
इसी गांव में होयसला शैली में निर्मित चन्नकेशव स्वामी का मंदिर है इस मंदिर का जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है। इस दौरान चन्नकेशव स्वामी की यह पुरानी प्रतिमा मिलने से गांव में खुशी की लहर है। लोगों ने प्रतिमा की साफ-सफाई कर इसे ांव के मंदिर में रखा है।
प्रतिमा मिलने की सूचना मिलते ही तहसीलदार एचबी जयकुमार ने गांव का दौरा किया। स्थानीय लोग पुरातत्व विभाग से अनुमति लेकर इस प्रतिमा को चन्नकेशव मंदिर में स्थापित करना चाहते हैं।
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