बेंगलूरु. कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने राज्य सरकार की प्रशासनिक लापरवाही तथा कुप्रबंधन का पर्दाफाश किया है। कन्नड़ चलुवली वाटाल पक्षा के नेता वाटाल नागराज ने यह बात कही।
केंपेगौड़ा बस स्टैंड पर शुक्रवार को राज्य सरकार के खिलाफ धरना देकर प्रदर्शन के बाद उन्होंने कहा कि बेंगलूरु जैसे शहर में मरीजों की ऑक्सीजन तथा अस्पताल में बैड नहीं मिलने पर मौत होने से बदतर हालात कुछ और नहीं हो सकते है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने केवल रस्म अदायगी के लिए विशेषज्ञों की समिति का गठन किया लेकिन समिति ने नवंबर में ही दूसरी लहर की चेतावनी देते हुए प्रशासन को इस चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहने की हिदायत दी थी। इसके बावजूद प्रशासन ने कोई तैयारी नहीं की। इसीलिए अब कोरोना की रफ्तार पर काबू पाना संभव नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा कि इस सरकार ने कोरोना महामारी से निपटने के बदले लोकसभा तथा दो विधानसभाओं के उपचुनाव पर ही अपना ध्यान केंद्रित किया मुख्यमंत्री समेत पूरे मंत्रिमंडल ने ही बेलगावी जिले में मुकाम किया था। इससे स्पष्ट होता है कि आम जनता का स्वास्थ इस सरकार के किए कोई मायने नहीं रखता है।
कृषि गतिविधियों पर पाबंदी नहीं : मंत्री
बेंगलूरु. राज्य सरकार की ओर से कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए जारी निर्देश कृषि गतिविधियों पर लागू नहीं होंगे। कृषि मंत्री बीसी पाटिल ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग के अधिकारियों को कृषि उपज के परिवहन में बाधा नहीं पहुंचाने के स्पष्ट निर्देश हैं। किसान संपर्क केंद्रों के माध्यम से किसानों को हरसंभव सहायता उपलब्ध की जा रही है।
उन्होंने कहा कि बेलगावी, हावेरी समेत कई जिलों में नए दाम पर उर्वरकों की बिक्री की शिकायतें मिली हैं। ऐसी दुकानों का परमिट निरस्त करने के निर्देश दिए गए हंै। राज्य में मांग के अनुपात में बीजों की आपूर्ति के लिए तैयारी की जा रही है।
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