Rajasthan Village News

राजस्थान के गांवो की ताज़ा खबरें हिंदी में

रविवार, 16 मई 2021

जंगल में पानी की कमी, वन विभाग बना तारणहार


-वाटर ***** में डाल रहे पानी
-26 मई को होगी वन्यजीव गणना
-वन विभाग जुटा तैयारियों में
-कोरोना टीकाकरण और जांच रिपोर्ट के आधार पर लगेंगे कर्मचारी
प्रतापगढ़.
गत वर्षों से जंगलों में पानी की कमी को देखते हुए वन्यजीवों के पेयजल की समस्या हो गई है। ऐसे में वन विभाग की ओर से पानी की वयवस्था में जुटा हुआ है। इसके तहत गत दो वर्षों से जंगल में प्राकृतिक और कृत्रिम वाटर ***** में पानी भरा जा रहा है। जिससे वन्यजीवों को पानी के लिए आबादी बस्ती में नहीं आना पड़े। वहीं इस बार वन्यजीव गणना वैशाखी पूर्णिमा पर 26 मई को होगी। इसके लिए विभाग की ओर से तैयारियां शुरू हो गई है। इस बार कोरोना की अधिकता को देखते हुए गणना में कर्मचारियों की कोविड टीकाकरण और कोरोना जांच रिपोर्ट के बाद ही ड्यूटी लगाई जाएगी। वन्यजीव गणना को लेकर ऑनलाइन प्रशिक्षण भी शुरू हो गए हैं। वन्यजीव सीतामाता अभयारण्य उपवन संरक्षक टी मोहनराज ने वन्यजीव गणना-2021 के संबंध में वीसी आयोजन किया गया। जिसके अन्तर्गत क्षेत्रीय वन अधिकारी वन्यजीव धरियावद मनोजकुमार औदिच्य के निर्देशन में रेंज वन्यजीव धरियावद के कर्मचारियों ने भाग लिया। बैठक में उपवन संरक्षक ने कहा कि वन्यजीव गणना 26 मई प्रात: 8 बजे से 27 मई प्रात: 8 बजे तक आयोजित होगी। उक्त गणना में भाग लेने वाले समस्त स्टाफ का कोविड 19 के तहत टीकाकरण होना अति आवश्यक होगा। जो भी वन्यजीव प्रेमी गणना में भाग लेना चाहता है उसकी कोविड-19 जांच नेगेटिव वो भी 72 घण्टे पूर्व का मान्य होगा। उन्हे ही गणना में सम्मिलित किया जाएगा। रेंज वन्यजीव धरियावद के अंतर्गत 34 वॉटर ***** है। इनमें से 19 प्राकृतिक है। जबकि कृत्रिम 15 है। इनमें अभी पानी भरा जा रहा है।
सीतामाता में 74, आरक्षित जंगल में 62 वाटर *****
प्रतापगढ़.
जिले में वन्यजीवों की गणना 136 वाटर ***** पर की जाएगी। आरक्षित जंगल में 62 और सीतामाता जंगल में 74 कुल 136 वाटर ***** बनाए गए है। जिन वाटर ***** पर पानी नहीं है, वहां पानी भरा जा रहा है। उपवन संरक्षक संग्रामसिंह कटियार ने बताया कि आरक्षित जंगल में 62 वाटर ***** पर कर्मचारी और पर्यावरणप्रेमी बैठेंगे।
चुनिंदा वाटर ***** पर लगाएंगे ट्रेप कैमरे
वन विभाग की ओर से गत वर्ष से चुनिंदा वाटर ***** पर ट्रेप कैमरे लगाने शुरू किए गए है। जिससे वन्यजीवों की गिितिवधियों पर भी नजर रखी जा सके। जिससे इन पर किए जाने वाले अध्ययन में सुविधा हो सके।



source https://www.patrika.com/pratapgarh-rajasthan-news/lack-of-water-in-the-forest-forest-department-became-the-savior-6847351/