बेंगलूरु. विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सिद्धरामय्या ने सरकार से कर्ज के बारे में श्वेत पत्र जारी करने का आग्रह किया। उन्होंने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में लिए गए कर्र्र्ज के बारे में दस्तावेज जारी किए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बी.एस.येडियूरप्पा ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों, श्रमिकों, गरीबों और मेहनत मजदूरी करने वालों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा नहीं की और इसके लिए कांग्रेस की सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। सच्चाई जानने के लिए येडियूरप्पा सरकार ने कितना कर्ज लिया है, इस पर श्वेत पत्र जारी किया जाए।
उन्होंने कहा कि 2008 से 2013 तक भाजपा सरकार के शासनकाल में लिया गया कर्ज पिछली सरकार से 94.18 फीसदी अधिक था। साल 2013 से 2018 तक उनकी सरकार के कार्यकाल में 78 फीसद अधिक कर्ज लिया था। साल 2012-13 में 21,609 करोड़ रुपए का कर्ज था। साल 2017-18 के दौरान कुल 2 करोड़ 42 लाख 420 हजार करोड़ रुपयों का कर्ज था।
सरकार के अनुसार 4 करोड़ 57 लाख 899 हजार करोड़ रुपए तक का कर्ज हुआ है। साल 2020-21 में 69,000 करोड़ का कर्जा लिया गया है। गत चर साल में 2 करोड़ 14 लाख 479 करोड का अतिरिक्त कर्ज लिया गया। येडियूरप्पा ने दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद केवल तीन साल में 1,90,000 करोड़ का कर्ज लिया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी.के.शिवकुमार ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार के तालमेल की कमी से नागरिकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश की प्रगति रुक गई है।
उन्हों ने गुरुवार को संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री बी.एस.येडियूरप्पा ने दावा किया था कि प्रदेश की प्रगति के लिए केन्द्र और राज्य सरकार डबल इंजन की तरह काम कर रही है। कोविड के नियंत्रण, ऑक्सीजन, वैक्सीन की आपूर्ति, बिस्तर और अन्य विषयों पर दोनोंं सरकारें विफल रही है।
उन्होंने कहा कि चामराजनगर में 24 संक्रमितों की मौत के लिए सरकार ही जिम्मेदार है। उच्च न्यायालय के सेवा निवृत्त न्यायाधीश ए.एन वेणुगोपाल नेतृत्व वाली जांच समिति ने गुरुवार को उच्च न्यायालय को रिपोर्ट पेश की है।
उन्होंने कहा कि येडियूरप्पा ने अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइन्स एन्ड रीसर्च सेन्टर में टीकाकरण अभियान शुरू कराने के बाद अब खामोश हैं। केन्द्र सरकार से कितनी वैक्सीन आई, इसकी जानकारी येडियूरप्पा को थी या नहीं, इसका जवाब येडियूरप्पा को ही देना होगा। वैक्सीन की जिम्मेदारी केन्द्र सरकार को लेनी होगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के 25 सांसद क्या कर रहे हैं, किसी को पता नहीं। एक भी सांसद ने प्रदेश के हित में आवाज बुलंद नहीं की। उच्च न्यायालय की फटकार पर केंद्र सरकार ने प्रदेश को ऑक्सीजन की आपूर्ति की है। इसका सेहरा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सिर बांधा जारहा है।
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