डैल्विन ब्राउन, इनोवेशंस रिपोर्टर, फाइनेंशियल सेक्शन
कल्पना कीजिए यदि आपको स्मार्टफोन चार दिन में सिर्फ एक बार चार्ज करना पड़े और लैपटॉप की गति दोगुनी हो जाए। अमरीकी टैक कम्पनी आइबीएम ने दावा किया है कि उसने दुनिया का सबसे छोटा और शक्तिशाली माइक्रोचिप तैयार कर लिया है। यह कम्प्यूटर चिप सिर्फ दो नैनोमीटर की है, यानी करीब डीएनए के एक तंतु की मोटाई बराबर। माइक्रोस्कोपिक चिप में उच्चस्तरीय प्रोग्रामिंग है। एक इंच में 25.4 मिलियन नैनोमीटर होते हैं। इसके जरिए हर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की क्षमता बढ़ाई जा सकती है। आज अधिकांश नई डिवाइस में लगे कम्प्यूटर चिप में ट्रांजिस्टर होते हैं जिनकी रेंज प्रीमियम स्मार्टफोन्स में पांच नैनोमीटर से लेकर कुछ पीसी में दस नैनोमीटर तक होती है। इस उपलब्धि की घोषणा बीते सप्ताह आइबीएम की अलबानी, न्यूयार्क स्थित रिसर्च लैब ने की।
कंपनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डेरियो जिल ने कहा कि यह इंजीनियरिंग की उल्लेखनीय उपलब्धि है। आप पहले इसे लैपटॉप और सेलफोन में देखेंगे और बाद में मेनफ्रेम कम्प्यूटर (अब तक के उपलब्ध कंप्यूटरों में सबसे तीव्र और सबसे शक्तिशाली कम्प्यूटर) में। दुनिया की वित्तीय प्रणालियों की अगणितीय संख्या इसी से हल की जाती है। टैक कंपनी का कहना है कि दो नैनोमीटर की इस चिप से कम्प्यूटर की क्षमता 45% तक बढ़ जाती है और वर्तमान की सात नैनोमीटर वाली चिप की तुलना में ऊर्जा की खपत 75% तक कम हो जाती है। आइबीएम के सीईओ अरविंद कृष्णा कहते हैं कि मानव बाल की मोटाई 10,000 नैनोमीटर होती है। आप अंदाज लगा सकते हैं कि इसके फीचर्स कितने महीन होंगे। यह माइक्रोचिप वर्ष 2024 के अंत तक या 2025 में ही बाजार में आ सकेगी।
द वाशिंगटन पोस्ट
source https://www.patrika.com/opinion/battery-will-run-four-times-with-ultradense-microchip-6844568/