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पाली- जवाई बांध में पेयजल कम होता जा रहा हैं। जिले के अन्य बांधों में भी जो पेयजल पड़ा हैं। उसे पेयजल के लिए रिर्जव रखा जा रहा हैं। कुओं को अधिग्रहण करने की तैयारी चल रही हैं। कुड़ी से रोहट तक बिछाई गई पाइप लाइन को दुरुस्त करने का प्लान किया गया हैं। जिससे की इन संसाधनों के जरिए पालीवासियों को पेयजल उपलब्ध करवाया जा सके। जोधपुर से पाली वॉटर ट्रेन चलाने की आशंका को देखते हुए जलदाय विभाग के अधिकारियों ने जोधपुर रेलवे डीआरएम को पत्र भी लिखा हैं।
शुक्रवार को एसीएस सुधांश पंथ के साथ पीएचईडी अधिकारियों की बैठक हुई। जिसमें पीएचईडी के चीफ इंजीनियर नीरज माथुर ने 210 करोड़ के माइक्रो प्लान के बारे में जानकारी दी। जिसमें बताया कि कुड़ी से रोहट पेयजल पाइप लाइन को दुरुस्त करवाने, जोधपुर से वॉटर ट्रेन मंगवाने, गांव-ढाणियों तक टैंकर के जरिए पेयजल आपूर्ति पहुंचाने का काम करवाया जाएगा।
22 सितम्बर तक ही मिलेगा जवाई का पानी
96 घंटे पेयजल आपूर्ति होने के बाद जवाई बांध से प्रतिदिन 6 एमसीएफटी पानी खर्च होगा। जवाई बांध में बचे पानी से 20-22 सितम्बर तक पानी मिल सकेगा। इसके बाद पम्पिंग कर पानी को चैनल गेट तक पहुंचाया जाएगा। जिले के जिन बांधों में पानी हैं उसे भी पेयजल के लिए रिर्जव रखा जाएगा।
पाली को चाहिए रोजाना 23 एमएलडी पेयजल
पाली शहरवासियों की प्यास बुझाने के लिए रोजाना करीब 23 एमएलडी पानी की आवश्यकता होती हैं। जलदाय विभाग के अधिकारियों के प्लान के अनुसार 10 एमएलडी पानी ट्रेन से, 5 एमएलडी पानी बांधों से तथा 8 एमएलडी पानी ट्यूबवैल अन्य स्त्रोतों से लाने की तैयारी चल रही हैं।
जिला कलेक्टर ने भी ली बैठक
जिला कलेक्टर अंशदीप ने शुक्रवार को अपने सभागार में राजस्व एवं जिलास्तरीय अधिकारियों की वीसी ली। जिसमें उन्होंने पेजयल संकट को देखते हुए जलदाय व भू-जल विभाग के अधिकारियों को स्थानीय स्त्रोतों का सर्वे कर उन्हें दुबारा उपयोग में लेने के लिए कार्य योजना तैरना करने के निर्देश दिए।उन्होंने निजी कुओं को चिन्हित कर उनमें उपलब्ध जलराशि पेयजलापूर्ति के उपयोग में लेने पर जोर दिया। जवाई बांध तथा अन्य सहायक बांधों में उपलब्ध जलराशि से 30 अक्टूबर तक वर्तमान रोटेशन प्रक्रिया के अनुसार पेयजलापूर्ति की जा सकती है।