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सोमवार, 23 अगस्त 2021

आसाराम की मौत की वायरल सूचना से मची खलबली,जेल प्रसासन ने बताया स्वस्थ

PALI SIROHI ONLINE

जोधपुर में सोशल मीडिया पर सोमवार दोपहर वायरल एक मैसेज ने खलबली मचा दी। तेजी से मैसेज वायरल होना शुरू हुआ कि जोधपुर जेल में बंद आसाराम की मौत हो गई है। इसके वायरल होते ही लोग एक-दूसरे से इसके बारे में जानकारी लेते नजर आए। थोड़ी देर में जेल प्रशासन ने इसे महज कोरी अफवाह करार देते हुए कहा कि आसाराम एकदम स्वस्थ है। उन्हें कोई विशेष तकलीफ नहीं है। हाल ही एम्स से उनकी जांच कराई जा चुकी है।

आज दोपहर में सबसे पहले एक मैसेज आया कि जेल में आसाराम का निधन हो गया है। हालांकि इसी मैसेज के साथ लिखा था कि पता नहीं चल पा रहा है कि यह सूचना सही है या नहीं। थोड़ी देर में ही यह मैसेज तेजी से वायरल हो गया। जेल डीआईजी सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि आसाराम एकदम ठीक है। वे आराम से है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अफवाह पर ध्यान न दे। उन्होंने बताया कि गत सप्ताह ही आसाराम को स्वास्थ्य जांच के लिए एम्स ले जाया गया था। उनकी सभी जांच रिपोर्ट सामान्य आई थी। इसके आधार पर वहां के डॉक्टरों ने आसाराम को वापस जेल ले जाने का बोला था। ऐसे में उनकी सेहत को लेकर चिंता जैसी कोई बात नहीं है।

आसाराम को दो माह पूर्व कोरोना होने के बाद से उनकी सेहत में लगातार उतार-चढ़ाव बना हुआ है। उन्हें कुछ दिन एम्स में भर्ती रखा गया था। ठीक होने के बाद वापस जेल भेज दिया गया। लेकिन फिर से तबीयत गड़बड़ाने पर वापस से भर्ती कराना पड़ा था। अपनी बीमारी के नाम पर आसाराम ने हाईकोर्ट से अंतिरम जमानत देने की मांग की थी। हाईकोर्ट के आदेश पर एम्स के मेडिकल बोर्ड ने आसाराम की जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की थी। इसमें उसे एकदम स्वस्थ बताया था। इसके आधार पर हाईकोर्ट नेै उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

यह है मामला

आसाराम के गुरुकुल में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा ने आरोप लगाया कि पंद्रह अगस्त 2013 को आसाराम ने जोधपुर के निकट मणाई गांव में स्थित एक फार्म हाउस में उसका यौन उत्पीड़ किया। बीस अगस्त 2013 को उसने दिल्ली के कमला नगर पुलिस ताने में आसाराम के खिलाफ मामला दर्ज कराया। जोधपुर का मामला होने के कारण दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच करने के लिए उसे जोधपुर भेजा। जोधपुर पुलिस ने आसाराम के खिलाफ नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने का मामला दर्ज किया। जोधपुर पुलिस 31 अगस्त 2013 को इन्दौर से आसाराम को गिरफ्तार कर जोधपुर ले आई। उसके बाद से आसाराम लगातार जोधपुर जेल में ही बंद है। अप्रैल 2018 में कोर्ट ने उसे इस मामले में दोषी करार देते हुए मरते दम तक जेल में रहने की सजा सुनाई थी। आसाराम की तरफ से अब तक करीब पंद्रह बार जमानत हासिल करने की कोशिश की जा चुकी है, लेकिन किसी कोर्ट ने उसे जमानत नहीं प्रदान की।