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गुरुवार, 28 मई 2020

कोटा में 18 पॉजिटिव मिले, सभी शहर के इसी इलाके से

कोटा में 18 पॉजिटिव मिले, सभी शहर के इसी इलाके से
कोटा : कोटा  में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 400 पार कर गया है। बुधवार सुबह की रिपोर्ट में 18 नए केस आए हैं, सभी छावनी के हैं। शहर में पहले 100 कोरोना मरीज 6 से 19 अप्रैल (14 दिन) के बीच मिले। इसके बाद 1 मई को कुल 204 और 15 मई को 318 रोगी हो गए। अगले 12 दिन में मरीजों की संख्या 414 पहुंच गई।
छावनी में दिनोंदिन मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। मोहल्ले मेंपड़ताल करने में जुटी चिकित्सा विभाग की टीमों ने पाया कि तंग गलियों वाले इस इलाके में संक्रमण फैलने की एकमात्र और सबसे बड़ी वजह पास ही स्थित बड़ी सब्जीमंडी है, जहां से लोग लॉकडाउन के दौरान भी सब्जियां खरीदने जाते रहे हैं। बड़ी सब्जी मंडी में संक्रमण के पूर्व में भी कई केस सामने आ चुके हैं। वहीं, एक और बात यह सामने आई कि लॉकडाउन के दौरान और बाद में भी मोहल्ले में शाम के समय लोग मिलते जुलते रहे। इस वजह से इंफेक्शन फैलता गया और हालात बिगड़ते चले गए।
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. विजय सरदाना ने बताया कि नगर निगम कॉलोनी से 5 महिलाएं व 7 पुरुष तथा छावनी मेन रोड से 4 पुरुष व 1 महिला शामिल हैं। इनमें से कुछ मरीज तो एक ही परिवार से हैं और कुछ पॉजिटिव आ चुके लोगों के परिजन व पड़ोसी हैं। छावनी में लगातार सैंपलिंग की जा रही है, ताकि मरीज का जल्दी पता चल सके।
13 मरीज किए डिस्चार्ज
कोरोना को मात देकर कोटा में बुधवार को भी 13 मरीज घर लौटे। कन्फर्म निगेटिव होने के बाद तय समय गुजार चुके इन मरीजों को नए अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। अधीक्षक डॉ. सीएस सुशील ने बताया कि हमारे यहां से अब तक 322 कोरोना मरीज डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। इनमें कोटा के अलावा बारां व झालावाड़ के मरीज भी शामिल हैं। आज डिस्चार्ज किए गए मरीजों में 10 बकरा मंडी, 2 अमन कॉलोनी और 1 विज्ञान नगर का है।

कोटा में 18 पॉजिटिव मिले, सभी शहर के इसी इलाके से
छावनी के ज्यादातर इलाकों को सील कर दिया गया, फिर भी वहां भीड़ रहती है।

18 मरीजों के बारे में वह सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं; वे जहां संक्रमित हुए उसकी पूरी डिटेल
मंशापूर्ण मंदिर के पास 15 साल का किशोर संक्रमित मिला। यह पॉजिटिव आ चुके परिवार का पड़ोसी है। इसके पिता की शॉपिंग सेंटर में चाय की दुकान है।
इसी मोहल्ले की 29 साल की महिला भी संक्रमित मिली है, पॉजिटिव मिला 15 साल का किशोर इनका भतीजा है। वह इनके घर आता-जाता रहा है।
नगर निगम कॉलोनी से 42 साल का पुरुष पॉजिटिव मिला है, यह पेशे से ड्राइवर है, लेकिन लॉकडाउन के दौरान कहीं नहीं गया। लेकिन इनके सामने किराने की दुकान लगाने वाला पॉजिटिव आ चुका है।
नगर निगम कॉलोनी से ही 38 साल का पुरुष संक्रमित मिला है, जो गैस वेल्डिंग का काम करता है। इनके पड़ोसी पॉजिटिव आ चुके, बुधवार की रिपोर्ट में इनका किराएदार भी पॉजिटिव मिला है।
छावनी मेन रोड निवासी 14 साल का बच्चा संक्रमित मिला है। यह अपनी मां के साथ राशन व सब्जियां लेने जाया करता था। जिस राशन डीलर से यह राशन लाते थे, वह पॉजिटिव मिल चुका है।
निगम कॉलोनी की ही झाड़ू पोछा लगाने वाली बाई (35), उसकी बेटी (21) व बेटा (20) पॉजिटिव आए हैं। महिला कई घरों में काम करने जाती है। इनके सामने किराने की दुकान वाला पॉजिटिव आ चुका, जिससे ये सामान लेते थे। महिला का बेटा, जो संक्रमित मिला है, वह नशामुक्ति केंद्र पर काम करता है। लॉकडाउन के दौरान वह आकाशवाणी, नयागांव, डकनिया और आरकेपुरम के केंद्रों पर जाता रहा है।
नगर निगम कॉलोनी की ही एक गर्भवती महिला संक्रमित मिली है। इनके मोहल्ले में कई मरीज पॉजिटिव आ चुके। महिला का पति 22 मई को अपने 3 दोस्तों के साथ बूंदी भी जाकर आया है।
इसी कॉलोनी में एक ही परिवार से मां (60), बेटा (30) व बेटी (22) संक्रमित मिले हैं। राशन के गेहूं, सब्जी व किराने का सामान लेने के लिए मां-बेटी कई बार भीड़ में गई, बेटा मार्बल लगाने का काम करता है, जो कई जगह जाता रहा है।
छावनी मेन रोड निवासी 44 साल का पुरुष व उसकी 40 साल की बहन भी संक्रमित मिले हैं। यह व्यक्ति कूलरों के रंग-रोगन का काम करता है। इसने अपनी पत्नी को छोड़ रखा है, बहन के परिवार के साथ ही रहता है।
नगर निगम कॉलोनी की 60 साल की महिला भी संक्रमित मिली है, इसके बेटे कोटा स्टोन टाइल्स लगाने वाले कारीगर है। किराने का सामान, दूध व सब्जी लेने बाहर निकलते थे, मोहल्ले में कई लोग संक्रमित मिल चुके हैं।
जैन मंदिर के पास रहने वाला 49 वर्ष का पुरुष भी संक्रमित मिला है, जो मार्केटिंग का जॉब करता है। यह लॉक डाउन में भी अक्सर घर से बाहर रहा है। इनके मोहल्ले में पहले भी अन्य लोग संक्रमित मिल चुके हैं।
नगर निगम काॅलाेनी से 35 साल का युवक पाॅजिटिव मिला है, यह जेसीबी चलाता है, लॉकडाउन के दौरान कहीं नहीं गया, इसके पड़ाेसी पाॅजिटिव मिल चुके।
इसी काॅलाेनी का 44 साल का पुरुष पाॅजिटिव आया है, जाे पेशे से ड्राइवर है। स्वयं को बुखार आने पर कोरोना जांच कराने गया और पाॅजिटिव मिला।
मिल चुके 6 सुपर स्प्रेडर, नतीजा-महज 13 दिन में ही हो गए 68 मरीज
छावनी इलाके को हॉटस्पॉट बनने में महज 13 दिन लगे हैं। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि इस मोहल्ले में लगातार सुपर स्प्रेडर मिल रहे हैं। इतने सुपर स्प्रेडर शायद ही शहर के किसी अन्य इलाके में मिले हों। भास्कर ने पड़ताल की तो सामने आया कि छावनी में अब तक 6 सुपर स्प्रेडर मिल चुके हैं, इनमें एक राशन डीलर, एक किराना दुकानदार, एक सैलून संचालक व तीन सब्जी बेचने के व्यवसाय से जुड़े लोग शामिल हैं।
इस इलाके में सबसे पहले 15 मई को दो पुरुष संक्रमित मिले थे, इसके बाद एक-एक कर रोजाना नए मरीज निकल रहे हैं और बुधवार तक यहां 68 केस रिपोर्ट हो चुके हैं। छावनी को लेकर चिकित्सा विभाग की चिंता इसलिए भी बढ़ रही है, क्योंकि यहां किसी एक क्षेत्र से नहीं बल्कि अलग-अलग मोहल्लों से केस रिपोर्ट होने लगे हैं।

कोटा में 18 पॉजिटिव मिले, सभी शहर के इसी इलाके से
सैंपलिंग करती चिकित्सा विभाग की टीम।

संक्रमण के 2 कारण
1. तंग गलियों वाले इस इलाके में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना लॉकडाउन के दौरान भी नहीं हुई। मोहल्लों में शाम के समय लाेग समूहों में बैठकर बातें करते थे और जब सरकार की गाइडलाइन के तहत मार्केट खुले तो भी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं हुई।
2.बड़ी सब्जीमंडी ने बढ़ाई मुसीबत, बड़ी सब्जीमंडी में कोरोना संक्रमण के मामले कई दिन पहले ही सामने आ गए थे। छावनी इस बड़ी सब्जीमंडी के नजदीक है और जानकारी में यह आया है कि यहां के लोग एक-दो किलो फल या सब्जियां लेने भी बड़ी मंडी जाते हैं।
यहां फेल हुआ प्रशासन
1.लॉकडाउन के दौरान लोगों का मूवमेंट रहा, यह बात अब मरीजों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में भी सामने आ रही है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह कि जब पूरा देश बंद था तो यहां के लोग बाहर क्यों निकल रहे थे, पुलिस क्या कर रही थी। एक से दूसरे के घर में जाना यहां आम है और इसी वजह से पड़ोसियों में संक्रमण फैलता जा रहा है।
2. बड़ी सब्जीमंडी को लेकर सारी स्थिति पहले ही प्रशासन के सामने आ चुकी थी और भास्कर भी कई बार यह मुद्दा उठा चुका था कि वहां न सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो रही और न ही हजारों की भीड़ को पुलिस कंट्रोल कर पा रही है। कायदे कुछ दिन के लिए इस मंडी को बंद करके सभी की सैंपलिंग जरूरी थी।
अब ये सावधानी जरूरी
1. सबसे अहम बात यह कि अपने घरों में रहें। अब यहां के कई मोहल्लों में कर्फ्यू लग चुका है, ऐसे में जरूरी सामान की दिक्कत होगी और प्रशासन की निगरानी में ही राशन बंटेगा। राशन बंटे तो दूरी बनाकर रखेंं। यदि भीड़ हुई तो उसके परिणाम और घातक साबित हो सकते हैं, इसका उदाहरण परकोटा क्षेत्र में देखा जा चुका है।
2.सबसे अहम बात यह कि अपने घरों में रहें। अब यहां के कई मोहल्लों में कर्फ्यू लग चुका है, ऐसे में जरूरी सामान की दिक्कत होगी और प्रशासन की निगरानी में ही राशन बंटेगा। राशन बंटे तो दूरी बनाकर रखेंं। यदि भीड़ हुई तो उसके परिणाम और घातक साबित हो सकते हैं, इसका उदाहरण परकोटा क्षेत्र में देखा जा चुका है।
महिला में कोरोना के लक्षण नहीं, फिर भी लगातार 4 टेस्ट पॉजिटिव
सुपर स्पेशियलिटी बिल्डिंग के कोविड वार्ड में भर्ती एक कोरोना संक्रमित महिला की स्थिति से डॉक्टर भी हैरान हैं। यह महिला लगातार 4 रिपोर्ट में पॉजिटिव आ चुकी है, जबकि उसे कोरोना से जुड़ा कोई लक्षण नहीं है। अब उसे यूरीन से जुड़ी एक नई समस्या सामने आ रही हैं, जिसका कोविड से जुड़ी किसी भी गाइडलाइन या रिसर्च में उल्लेख नहीं है।
मेडिसिन विभाग की सीनियर प्रोफेसर डॉ. मीनाक्षी शारदा ने बताया कि टिंबर मार्केट निवासी 35 साल की उक्त महिला की पहली रिपोर्ट 10 मई को पॉजिटिव मिली थी। उसने रैंडम सैंपलिंग के लिए टीम को सैंपल दिया था। हालांकि उसे तब भी कोई लक्षण नहीं था, सिर्फ एक दिन पहले हल्का सिरदर्द जरूर हुआ था। इसके बाद 14, 18 व 22 मई को तीन बार उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव रही। इसी बीच महिला को एक नई समस्या यह सामने आई कि उसका यूरीन पास होना बंद हो गया। डॉ. मीनाक्षी ने बताया कि इसके तीन कारण हो सकते थे। पहला यह कि उसके यूरीन के रास्ते में कोई रुकावट हो।
ब्रेन में कोई नर्व संबंधी दिक्कत हो। लेकिन ये दोनों कारण नहीं मिले। अब ऐसी स्थिति में एकमात्र डाउट यह है कि उसकी यूरीन की थैली की मसल्स कमजोर हो सकती है। हालांकि कोविड में अब तक ऐसा हमारे सामने नहीं आया और न ही किसी रिसर्च में यह बात साबित हुई।