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गुरुवार, 28 मई 2020

राजस्थान ने देश को दिए चार बड़े मॉडल, इलाज के तरीकों, जांचों और सीमाएं सील करने की रणनीति में आगे रहा प्रदेश

राजस्थान ने देश को दिए चार बड़े मॉडल, इलाज के तरीकों, जांचों और सीमाएं सील करने की रणनीति में आगे रहा प्रदेश











 जयपुर : राजस्थान ने कोरोना से लड़ने के लिए देश को चार बड़े मॉडल दिए हैं। दवा के कांबिनेशन का फॉर्मूला हो या भीलवाड़ा-जयपुर का सीमाबंदी मॉडल। जांचों में तेजी लानी हो या खराब रैपिड किट के बारे में केंद्र को सटीक जानकारी देना...राजस्थान ने ही पहल की। भीलवाड़ा मॉडल के लिए तो खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने मख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ की थी। मगर लॉकडाउन के कारण ठप पड़ने लगी आर्थिक गतिविधियाें को रफ्तार देने के लिए छूट का दायरा बढ़ाया गया है।
ऐसे में कोरोना पर काबू करने के लिए सिर्फ ये मॉडल ही काफी नहीं हैं, बल्कि हर राजस्थानी को कोरोना को हराने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। सबसे बड़ी जिम्मेदारी सोशल डिस्टेंसिंग और हेल्थ प्रोटोकॉल का पालन करने की है। प्रवासियों के आने के बाद संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो चिंताजनक है। ऐसे में हमारा चौकन्ना रहना सबसे ज्यादा जरूरी है। इस संंकट काल में हम नागरिक धर्म निभाकर ही खुद को और दूसरों को काेरोना से बचा सकते हैं।
वो 4 सबसे बड़े हथियार... जो सरकार ने कोरोना से लड़ने में इस्तेमाल किए
1. दवा का कांबिनेशन; एसएमएस के डॉक्टरों ने एचआईवी, स्वाइन फ्लू व मलेरिया दवाओं से रोगी ठीक किए। बाद में आईसीएमआर ने सभी से ये कांबिनेशन इस्तेमाल करने को कहा था।
2. खराब रैपिड किट; राजस्थान ने 17 अप्रैल को देश में पहली बार रैपिड टेस्ट किट से जांच शुरू की थी। और सबसे बताया कि इसके नतीजे गलत हैं। इसके बाद आईसीएमआर ने रैपिड किट से जांच पर रोक लगा दी थी।
3. सैंपलिंग में भी आगे; प्रति दस लाख आबादी पर सबसे ज्यादा जांचें करने में राजस्थान देश में अव्वल है। देश में प्रति दस लाख 2174 सैंपल लिए गए जबकि राजस्थान में 3984 जांचें हुईं।
4. भीलवाड़ा-जयपुर आदर्श; भीलवाड़ा सबसे पहले हॉटस्पॉट बना था। पर जल्दी काबू में आ गया। केंद्र ने इसे देश के लिए मॉडल बताया। वहीं, जयपुर के रामगंज में 10 हजार बुजुर्गाें की निगरानी से हालात संभाले।
वो 4 सबसे बड़े कवच... जो अब आपको पहनने चाहिए ताकि कोरोना छू भी न सके
1. मास्क पहनें; ताकि खुद व दूसरों को संक्रमण से बचा सकें। 2. हाथ धोएं; 6 बार 20 सेकंड हाथ धोएं। सेनिटाइजर भी रखें।
3. दूरी बनाएं; बाहर निकलें तो एकदूसरे से दो मीटर दूर रहें।
4. बुजुर्ग- बच्चे न निकलें; क्योंकि बुजुर्गोें को बीपी, मधुमेह जैसे रोग होते हैं, जिससे इम्युनिटी कम होती है। छोटे बच्चे घर रहें।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को वीसी के जरिए जेएनयू हाॅस्पिटल में नई कोविड-19 माॅलिक्यूलर लैब का उद्‌घाटन किया। उन्होंने कहा कि इससे कोरोना टेस्टिंग क्षमता बढ़ेगी, नतीजे भी जल्द आएंगे। प्रदेश के जिन जिलों मेें कोरोना टेस्टिंग की सुविधा नहीं है, वहां भी शीघ्र लैब स्थापित होंगी। जेएनयू के चेयरपर्सन संदीप बख्शी ने कहा- लैब में एक दिन में 384 सैंपलों की जांच हो सकेगी। महात्मा गांधी के बाद जेएनयू दूसरा ऐसा अस्पताल है, जहां यह लैब बनी है।