जालोर : कोरोना संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने में जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग की ओर से किये गये प्रयासों के कारण जिले में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण की दर में कमी आई है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेन्द्र सिंह देवल ने बताया जिले में कोरेना संक्रमण की रोकथाम हेतु जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग द्वारा प्रत्येक स्तर पर व्यापक प्रबंध किये गये हैं। आमजन भी एडवाईजरी की पालना करते हुए कोरोना को हराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यही कारण है कि जिले में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण की दर में कमी आई है। आज प्राप्त 840 सेम्पल की रिपोर्ट में 773 लोगों की नेगेटिव एवं 67 सेम्पल रिजेक्ट की रिपोर्ट प्राप्त हुई है।
जिले में कोरेना संक्रमित 60 लोगों ने कोरोना को मात दी है। अब तक प्राप्त रिपोर्ट अनुसार 60 लोगों की दुबारा की गई जांच रिपोर्ट नेगेटिव प्राप्त हुई है। जिले में अब कुल 93 कोरोना संक्रमित एक्टिव केस ही हैं।
डॉ. देवल ने बताया कि संदेहास्पद व्यक्तियों एवं कोरोना संक्रमित लोगों के सम्पर्क में आये व्यक्तियों में से जिले में अब तक कुल 10947 सेम्पल लिये गये हैं, इनमें से 7177 की रिपोर्ट नेगेटिव प्राप्त हुई है जिले में अब तक कुल 155 व्यक्ति कोरोना संक्रमण पॉजिटिव पाये गये हैं। 3224 सेम्पल जांच हेतु एस.एन. मेडिकल कॉलेज जोधपुर भिजवाये गये हैं। कोरोना संक्रमितों की दुबारा जांच हेतु भेजे गये 15 सेम्पल की रिपोर्ट पुनः पॉजिटिव हुई है। 377 रिजेक्ट की श्रेणी में हैं।
शुक्रवार को 9 हजार से अधिक घरों का हुआ सर्वे
शुक्रवार को जिले में 570 टीमों द्वारा 9 हजार 283 घरों का सर्वे कर 35 हजार 557 से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की गई। जिले में कोरोना पॉजिटिव पाये गये क्षेत्रों में विभाग की टीमों द्वारा पुनः गहनता से स्क्रीनिंग कर संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आये लोगों को संस्थागत क्वारेंटाईन कर उनके सैम्पल जांच हेतु भिजवाये जा रहे हैं।
1105 लोगों को किया संस्थागत क्वारेन्टाईन
जिले में आ चुके प्रवासियों एवं पॉजिटिव आये लोगों के परिवार के सदस्यों एवं सम्पर्क में आये लोगों को घर तथा अधिकृत सेंटर में क्वारेन्टाईन किया जा रहा है। जिले में अब तक 1105 लोगों को संस्थागत क्वारेन्टाईन किया गया था। 644 व्यक्तियों के क्वारन्टाईन दिवस पूर्ण होने तथा सेम्पल की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उन्हे डिस्चार्ज कर दिया गया है। वर्तमान में 461 व्यक्तियों को संस्थागत क्वारेन्टाईन कर चिकित्सीय देखभाल में रखा गया है।