पिलानी : दुनिया भर में शिक्षा नगरी के रूप में पहचानी जाने वाली पिलानी ने विश्वभर के लिए समस्या बनी कोरोना महामारी से तो खुद को बचा रखा है, लेकिन शहर के लोगों को पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। हर साल एक जैसी समस्या के बावजूद इसके स्थायी समाधान के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए। मई शुरू होने के साथ ही यहां पानी का संकट पैदा हो गया था, और जल्द ही इसके समाधान की उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है।
विभागीय अधिकारियों के रटे-रटाए जवाब होते हैं कि एक-दो दिन में ठीक हो जाएगा, अभी कुआं खराब है, मोटर बदलवा रहे हैं। क्षेत्र के कुएं सूख गए हैं। सवाल यह है कि विभाग को पता है कि गर्मी में पानी की मांग बढ़ेगी और उनके पास उपलब्ध संसाधनों से सभी के लिए पानी की पूर्ति नहीं हो पाएगी तो फिर क्यों कोई ढंग की योजना बना कर समस्या से निजात नहीं दिलाते।
गर्मियों में बढ़ी पानी की मांग
पिलानी में 8,200 घरेलू व 55 व्यावसायिक कनेक्शन हैं। इनको सप्लाई के लिए 64 कुओंसे पानी खींचा जाता है। गर्मियों में पानी की मांग ढाई से तीन गुणा बढ़ जाती है। एईएन मंजीता चौधरी बताती हैं, आम दिनों में पानी की मांग 100 एलपीसीडी होती है लेकिन गर्मियों में यह बढ़ कर 250-300 एलपीसीडी हो जाती है। फिलहाल कुछ वार्डों में पेयजल किल्लत का बड़ा कारण उन वार्डों में मौजूद आठ से 10 कुएं सूख जाना है। केवल उन्हीं वार्डों में पानी की सप्लाई बाधित है। वैकल्पिक व्यवस्था के तौर दो टैंकर लगा रखे हैं जो दिन में 14 बार माेहल्लाें में जाकर सप्लाई देते हैं।
पिलानी में रोज पानी के लिए होने लगा प्रदर्शन
पानी की मांग को लेकर आमजन विभाग के दरवाजे पर धरना देने और प्रदर्शन करने पहुंचने लगा है। विभागीय कार्यालय पर आए दिन लोग अपने वार्ड की समस्या लेकर पहुंच रहे हैं। अधिकारी कर्मचारियों को उनके क्षेत्रो में समस्या के निराकरण के लिए भेजते हैं, लेकिन दिनभर मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालने वाला मजदूर कब तक विभाग के चक्कर लगाएगा। लोकडाउन के कारण वैसे ही मजदूरी मिलने में समस्याए आ रही है और उस पर घर में पानी नही आने से बेचारा मजदूर वर्ग आसपास के कुंओ से पानी लाने में लग जाता है।
कुओं को रिचार्ज के अलावा गांवों से पानी पोर्ट की योजनाएं
जलदाय विभाग की एईएन मंजीता चौधरी ने बताया कि जल्द ही गांवों से पानी पोर्ट की योजना अमल में लाई जाएगी। जिसके तहत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रो में कुएं बनाकर वहां से पानी शहर की टंकी तक लाया जाएगा। उन्होंने आमजन से अपने-अपने घरों में रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम बनवाने की अपील की। इसी से भूमिगत जल स्तर ऊंचा उठेगा। इसके अलावा यदि नहर का पानी पिलानी क्षेत्र में आ जाता है तब भी पेयजल किल्लत से छुटकारा मिल सकता है।
भामाशाह टैंकरों से करवाते हैं पानी की सप्लाई
गर्मियों में पेयजल किल्लत होती है तो भामाशाह आगे आकर आमजन के लिए टैंकरों से पानी की व्यवस्था करने में जुट जाते हैं। फिलहाल पार्षद पति सुनिल कटारिया, पार्षद भगवती प्रसाद सैनी व मुकेश गुर्जर वार्ड 34 व 35 में टैंकरों से निशुल्क पेयजल सप्लाई कर रहे हैं। पिलानी क्षेत्र में जल स्तर 1100 फीट गहराई पर चला गया है। क्षेत्र में पेयजल सप्लाई के लिए 64 कुएं हैं। उन्हें संचालित करने के लिए आठ-नौ कर्मचारी ही हैं।
- कुंभाराम लिफ्ट परियोजना व जल जीवन योजना के तहत पिलानी को पानी दिलवाने के लिए प्रयास चल रहे हैं तथा जब तक यह योजना शुरू नहीं होती है तब तक कुंभाराम लिफ्ट परियोजना से 6 एमएलडी पानी पिलानी के लिए आरक्षित करवाने संबंधी निर्णय हो चुका है। जल्द ही पिलानी काे पानी मिलने लगेगा। पिलानी में जल समस्या दूर करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द समस्या दूर होगी।
बड़ागांव : मालसर के घरों में 20 दिन से नहीं पहुंचा पानी
मालसर गांव में गुरुवार को महिलाओं ने पीने के पानी की समस्या को लेकर सुभाष योगी के नेतृत्व में जलदाय विभाग के खिलाफ मटका फोड़ कर प्रदर्शन किया। सुभाष योगी ने बताया कि मालसर में सार्वजनिक कुआं 15-20 दिन से सूख जाने से लोगों के घरों में पीने का पानी नहीं पहुंच रहा है।
लोगों के अनुसार पीने के पानी की समस्या का समाधान करवाने के लिए सरपंच अजय कुमार व ग्राम विकास अधिकारी सहित जलदाय विभाग कर्मचारियों और अधिकारियों को बताया गया, समाधान नहीं निकला गया।
इसके विरोध में ग्रामीणों व महिलाओं ने पातुसरी रोड पर सार्वजनिक कुएं के सामने प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि 7 दिन में समाधान नहीं किया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शन करने वालों में सज्जना, पाना, भंवरी, सुप्यार, मीनू, अनिता, सुमन, संतोष, सरोज, ग्यारसी, भागोती सहित कई लोग थे।
पेयजल सप्लाई के समय विद्युत कटौती की मांग
उदयपुरवाटी ढहरी क्षेत्र में पेयजल सप्लाई के समय विद्युत कटौती करवाने के लिए दंगी जोड़ी क्षेत्र के लोगों ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन दिया है। लोगों ने ज्ञापन में बताया कि जोहड़ी उच्च जलाशय से सुबह 6 बजे से 7 बजे तक पेयजल सप्लाई की जाती है।
इस दौरान बिजली सप्लाई चालू रहने से लोग बूस्टर चलाते हैं, जिससे दूर दराज रहने वाले गरीब लोगों तक पानी नहीं पहुंच पाता है। सप्लाई के दौरान विद्युत बंद करवाने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में सुरेंद्र तंवर, सुल्तान सैनी, सुभाष जमालपुरिया, कैलाश तंवर, सुरेंद्र सैनी आदि शामिल थे।
पीने का पानी नहीं मिलने पर खेल से भरने को मजबूर
घरों में पीने का पर्याप्त पानी नहीं मिलने पर ग्रामीण मवेशियों के लिए बनाई गई खेल से भी पानी भरने को मजबूर हो गए हैं। वार्ड 4 के करीब 10 घरों में पीने का पानी नहीं पहुंच रहा है। मजबूरी में खेल से पानी भर कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक जलदाय विभाग के उच्चाधिकारियों को बार-बार अवगत कराने के बावजूद भी अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
मोहल्ला रैगरान में भी मोहनवाड़ी रोड पर स्थित ट्यूबवेल की मोटर करीब 15 दिन में दोबारा खराब हो गई। मोहल्ले के निवासी भगवानाराम कुलदीप के मुताबिक गर्मी के मौसम में लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। ऐसे में पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं।