टोंक. जिले मेंं बजरी खनन व परिवहन की रोकथाम के लिए पुलिस भले ही सख्त कार्रवाई का दावा कर रही है, लेकिन बजरी खनन व परिवहन करने वाला माफिया टोंक पुलिस के हाथ नहीं आ रहा है। पुलिस केवल वाहन पकड़ कर अपनी ही पीठ थपथपाने का कार्य कर रही है।जिले में बजरी खनन सभी उपखण्डों में बदस्तुर जारी है। इसका पता प्रशासन व पुलिस को भी है। कभी कभार इन पर पुलिस व प्रशासन की ओर से कार्रवाई भी की जाती है, लेकिन पुलिस केवल वाहन जब्त करने तक ही सीमित हो रही है। लॉक डाउन में निवाई व पीपलू सर्कल क्षेत्र में बेलगाम बजरी खनन हुआ है, सूचना पर पुलिस पहुंची भी है, लेकिन पुलिस के अनुसार हर बार बजरी भरे वाहनों के चालक पुलिस को देख कर भागने में कामयाब रहे है। इसके अनुसार वाहन चालक पुलिस से तेज भागने में सफल रहे या फिर पुलिस ने पीछा करने का प्रयास ही नहीं किया। वहीं लोगों की माने तो पुलिस चालक को तत्काल गिरफ्तार करने का प्रयास ही नहीं करती है।
चालक-पुलिस खेल में माफिया की मौज: 22 मार्च से जारी लॉकडाउन के दौरान अवैध बजरी खनन कर परिवहन करने पर पीपलू पुलिस व एसआइटी टीम ने 20 ट्रैक्टर ट्रॉली, 5 डंपर को जप्त करने की कार्रवाई की हैं। वहीं बरौनी पुलिस ने 22 मार्च से जारी लॉकडाउन से लेकर अब तक 9 टै्रक्टर ट्रॉली, 1 ट्रक, 1 डंपर जप्त किया हैं। साथ ही 6 मुकदमें एमएमडीआर में दर्ज किए तथा 2 को गिरफ्तार किए जाने की कार्रवाई भी की गई हैं। वहीं निवाई सर्कल के निवाई कोतवाली, निवाई सदर एवं दतवास थाना पुलिस ने मई माह में बजरी भरे ३५ डंपर व ट्रैक्टर-ट्रॉली जब्त किए है, लेकिन इन कार्रवाई में मात्र तीन जनों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस की लापरवाही से वाहन चालक मौके से भागने में सफल होने का लाभ भी खनन माफिया को मिल रहा है। पुलिस वाहन जब्त कर थाने ले आती है, ऐसे में बाद में खनन माफिया द्वारा वाहन का चालक बदल दिया जाता है, जबकि अधिकांश स्थानों पर नाबालिग युवा खनन के कार्य में जुटे हुए है, जिनके लाइसेंस भी बने हुए नहीं है। वहीं ट्रैक्टर जुर्माना अदा कर छुड़ा लेते है।
इस प्रकार होता है जुर्माना
पुलिस की ओर से पकड़ी जाने वाहन पर जुर्माने की प्रक्रिया खनिज विभाग की ओर से की जाती है। इसमें ट्रैक्टर-ट्रॉली पर एक लाख रुपए एनजीटी, २५ हजार रुपए प्रशमन राशि एवं ट्रॉली में भरी बजरी का दस गुना दाम वसूला जाता है। इसी प्रकार ट्रक, डंपर, ट्रेलर से एक लाख रुपए एनजीटी, एक लाख रुपए प्रशमन के रूप में और वाहन में भरी बजरी का दस गुना दाम वसूला जाता है।
बजरी तस्कर पुलिस जीप को देख कर भाग जाते है। वाहन जब्त होने पर आरसी होने के खिलाफ मामला किया जाता है। ऐसे में चालक भी पकड़ में आ जाता है। सुरक्षा की दृष्टि से पीछा करने में परेशानी आती है।
आदर्श सिधू, पुलिस अधीक्षक, टोंक