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बुधवार, 27 मई 2020

लॉकडाउन में जाम हुआ ‘न्याय का पहिया’

लॉकडाउन में जाम हुआ ‘न्याय का पहिया’
अजमेर. कोरोना वायरस corona virus के वार से न्याय व्यवस्था भी इससे अछूती नहीं है। न्याय व्यवस्था में संभवत: पहली बार ऐसी स्थिति नजर आ रही है कि न्याय मिलना तो दूर तारीखें मिलनी भी बंद हो गई हैं। लॉक डाउन के कारण अब पक्षकार न्याय के लिए अदालतों के चक्कर भी नहीं लगा पा रहे हैं।
राजस्व मामलों की प्रदेश की सबसे बड़ी अदालत राजस्व मंडल revenue board में आमतौर पर शनिवार-रविवार को अवकाश के दिन भी वकील advocete और पक्षकार नजर आ ही जाते हैं लेकिन लॉक डाउन के कारण राजस्व मंडल में अब पूरी तरह से सन्नाटा है। मंडल का एक द्वार बंद है जबकि दूसरे पर सुरक्षाकर्मी बैठे नजर आते हैं। बाध्यता के कारण मंडल के कर्मचारी तो आ रहे हैं लेकिन केवल नाममात्र के। मुकदमों की सुनवाई पूरी तरह से ठप है। राजस्व मंडल सहित राज्य की 475 अधीनस्थ राजस्व अदालतों में 4 लाख 56 हजार 729 मुकदमे लम्बित हैं। सर्वाधिक मुकदमे उपखंड अधिकारियों की अदालतों में विचाराधीन हैं।
लॉक डाउन lockdown का हाल
राजस्व मंडल में 18 मार्च से कोरोना के चलते मुकदमों की सुनवाई प्रभावित है। मुकदमों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 1 मार्च 2020 से 26 मई 2020 तक राजस्व मंडल में 568 मुकदमे दर्ज हुए। इस दौरान 520 मुकदमों का निस्तारण किया किया। जबकि 1 मार्च 2019 से 26 मई 2019 तक 1400 मामले दर्ज हुए वहीं 1816 मुकदमों का निस्तारण किया गया।
राजस्व अदालतों में मुकदमों का अंबार
राजस्व मंडल में 62 हजार 689 मुकदमे लम्बित हैं।
7-संभागीय आयुक्त न्यायालयों 7 हजार 124 मुकदमे
7-अतिरिक्त संभागीय आयुक्त न्यायलयों में 1 हजार 297 मुकदमे
33-कलक्टर अदालत में 11 हजार 910 मुकदमे
50-अतिरिक्त जिला कलक्टर अदालत में 17 हजार 409 मुकदमे
14-राजस्व अपील प्राधिकारी अदालत में 18 हजार 736 मुकदमे
9-भू-प्रबन्ध एवं राजस्व अपील प्राधिकारी अदालत में10 हजार 343 मुकदमे
289-उपखंड अधिकारी अदालतों में 2 लाख 62 हजार 633 मुकदमे
36 सहायक कलक्टर (फास्ट टै्रक) 24 हजार 578 मुकदमे
-एसीईएम कोर्ट में 25 हजार 495, तहसीलदार 7253, नायब तहसलीदार 3927, कोलोनाइजेशन 1569 सहित कुल 4 लाख 56 हजार 729 मुकदमे लम्बित हैं।
अधिकारी व्यस्त हैं कोरोना से निपटने में
अधिकतर जिलों में कलक्टर से लेकर नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारी जिलों में कोराना वायरस से निपटने, लॉक डाउन की पालना, कफ्र्यू, प्रवासी श्रमिकों,राज्य में आने वाले श्रमिकों की व्यवस्था सहित अन्य में लगे हुए हैं। यह अधिकारी बतौर पीठासीन अधिकारी राजस्व मुकदमों की सुनवाई करते हैं। स्थिति कब सामान्य होगी फिलहाल कहना मुश्किल है।
राजस्व मंडल
राजस्व मंडल में टीनेंसी एक्ट के 35 हजार 627, एलआरएक्ट के 23 हजार 981, कोलोनाइजेशन के1970, सीलिंग के 860, डायरेक्टर लैंड रिकॉर्ड के 40, पब्लिक डिमांड रिकवरी के76, एसचीट एक्ट के 21,जमींदारी बिस्वेदारी एक्ट के 6, जागीरदारी एबोलेशन एक्ट के 33, फॉरेस्ट एक्ट के 14 तथा वर्ष 2018 में दर्ज हुआ राजस्थान धार्मिक भवन एवं स्थल एक्ट का 1 मुकदमा चल रहा है।
एक्सपर्ट व्यू
राजस्व मंडल में जब तक नियमित रूप से चालू नहीं होती तब तक निचली अदालतों से रिकॉर्ड मंगवा लिया जाए। रिकॉर्ड सम्बन्धित फाइल में लगाया जाए। वकीलों के प्रार्थना पत्रों को भी फाइलों में लगाया जाए। मुकदमों के लिए जो जनरल तारीखें दी जा रही हैं उसे भी फाइल में अंकित किया जाए। जिससे जब भी मुकदमों की सुनवाई शुरु हो तो परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। मुकदमों से सम्बन्धित नोटिस की तामील ई-मेल के जरिए करवाई जाए, अधीनस्थ राजस्व अदालतों से रिकॉर्ड व दस्तावेज भी मंगवाया जाए।