श्रीगंगानगर : राउमावि नेतेवाला के स्थान पर राबामावि नेतेवाला काे महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय अंग्रेजी माध्यम के रूप में शुरू करने की मांग काे लेकर नेतेवाला के ग्रामीणाें ने शुक्रवार सुबह कलेक्टर व सीडीईओ से मुलाकात कर ज्ञापन साैंपा।
इसमें बताया गया है कि जनवरी 2020 में राबामावि नेतेवाला को महात्मा गांधी राजकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल बनाने का प्रस्ताव भिजवाया गया था। विभाग की ओर से मई 2020 में पुनः राउमावि नेतेवाला का अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित का प्रस्ताव भिजवाया गया है। ग्रामवासियाें ने बच्चों के अभिभावकों के साथ बैठकर इस मुद्दे पर पुनर्विचार किया हैं। अगर हमारी इस जायज मांग का निस्तारण न किया गया तो मजबूरी में हमें इसका विरोध प्रदर्शन और आंदोलन करना पड़ेगा।
पूर्व वायु सैनिक सुनील सिहाग ने बताया कि जब दोनों पक्षों, सरकार और ग्रामीणों का उद्देश्य बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देना है तो क्यों न हम लोग बुद्धिमत्ता दिखाते हुए इसका समाधान बच्चों के हित में करें और गांव के बच्चों का हित इसी में निहित है कि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के स्थान पर गांव के राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय को इस प्लान में शामिल कर उसे अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित कर दिया जाए।
उन्हाेंने बताया कि इस ज्ञापन की काॅपी शिक्षा मंत्री, माध्यमिक शिक्षा निदेशक आदि काे भेजी गई है। इस ज्ञापन पर अमित, राजकुमार टाक, रणवीर सिहाग, राजेंद्र, अमन, राकेश कुमार, प्रेम सिंह, राकेश कुमार, गुरदेव सिंह, जगजीत सिंह, नितिन सुथार सहित 102 लाेगाें ने हस्ताक्षर किए हैं।
सुनील सिहाग ने बताया कि राबामावि नेतेवाला अंग्रेजी मीडियम करने से गांव में हिंदी व अंग्रेजी मीडियम दोनों की शिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित होगी। गांव के जिन बालकों का मैरिट प्रणाली के कारण अंग्रेजी मीडियम में प्रवेश नहीं हो सकेगा, वे कक्षा 1 से 12वीं तक राउमावि में हिंदी माध्यम में अध्ययन कर सकेंगे। लड़कियों वाले स्कूल को अंग्रेजी माध्यम बनाने से न तो हिंदी माध्यम के 375 बच्चों को यह स्कूल छोड़ना पड़ेगा और न ही बालिकाओं की 10वीं के बाद शिक्षा में काेई बाधा आएगी।
प्रस्तावित राउमावि नेतेवाला को महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित करने से विद्यार्थियों को यह हाेगी समस्या
राउमावि नेतेवाला को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित करने से विद्यार्थियों को कई समस्याओं से सामना करना पड़ेगा। सुनील सिहाग ने बताया कि अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में सीटें सीमित व प्रवेश मैरिट से होने के कारण विद्यालय में अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों का प्रवेश संभव नहीं होगा।
गांव के जिन बालकों का प्रवेश अंग्रेजी माध्यम में नहीं होगा उन बालकों के लिए गांव में शिक्षण की कोई व्यवस्था नहीं रहेगी। इस कारण उन्हें या तो अन्यत्र कहीं प्रवेश लेना पड़ेगा या वो ड्राॅपआउट हो जाएंगे। क्योंकि राबामावि केवल कक्षा 6वीं से 10वीं तक ही संचालित है और बालिका विद्यालय में कक्षा 6 से 8वीं के बालक प्रवेश नहीं ले सकते।
वर्तमान में राउमावि में अध्ययनरत 375 बच्चों को अन्यत्र स्कूल में प्रवेश लेना पड़ेगा। यदि वर्तमान हालात के अनुसार गांव नेतेवाला का राउमावि अंग्रेजी मीडियम बनेगा तो 10वीं के बाद लड़कियों को प्रवेश के लिए शहर जाना पड़ेगा।