श्रीगंगानगर : नगरपरिषद की ओर से शहर में नाले-नालियाें की सफाई का काम करवाया जा रहा है। बीते दाे माह से सभापति, आयुक्त सहित अन्य अधिकारी इसी प्लानिंग में लगे रहे कि बारिश से पहले कैसे पानी निकासी के प्रयास हाें, इसके लिए बाकायदा शुगर मिल गड्ढे पर एसटीपी के पास एक नाले का निर्माण भी करवाया जा रहा है। लेकिन इसी बीच शहर में शुक्रवार शाम काे अचानक तेज बारिश हुई और सारी व्यवस्थाएं व याेजनाएं धराशायी हाे गईं।
हमारे शहर के हालात देखिए मात्र 20 एमएम बारिश हुई, इससे सड़कें जलमग्न हाे गई। सबसे अधिक परेशानी पुरानी आबादी क्षेत्र के साथ ही निचले इलाके में रह रहे लाेगाें ने भुगती है।
इसके अलावा राधेश्याम काेठी राेड, सभापति चांडक काेठी राेड, गाेशाला मार्ग, सुखाड़िया सर्किल से मीरा मार्ग, शिव चाैक से चहल चाैक आदि जगहाें पर सड़कें पानी से लबालब हाे गईं। वहीं, हनुमानगढ़ मार्ग व सूरतगढ़ राेड पर डिवाइडर के दाेनाें तरफ पानी भर गया। इससे वाहन चालकाें के साथ ही राहगीराें काे खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
स्वास्थ्य अधिकारी गाैतमलाल ने बताया कि पुरानी आबादी व रविंद्र पथ पर पानी खड़ा हाेने की समस्या अधिक दिखाई पड़ी। दाेनाें अंडर ब्रिज से पानी निकासी के लिए मच्छी माेटरें चलाई गई हैं। इसी तरह पुरानी आबादी गड्ढा, 6 नंबर गड्ढा आदि पर जनरेटर लगाए गए हैं।
रविंद्र पथ पर नाले की सफाई का काम चल रहा है। इस नाले में मार्केट एरिया, ब्लाॅक एरिया, बस स्टैंड, सिविल लाइन आदि का पानी आता है। बीते दिनाें तीन जगहाें पर डाट लगाकर पानी राेका गया, ताकि नाले की सफाई अच्छे से हाे सके। लेकिन जैसे ही बारिश हुर्ई, इलाके में पानी भर गया। ऐसे में जेसीबी की मदद से गांधी पार्क के पास, चंद्रलाेक ढाबे के पास व बीरबल चाैक पर लगाई गई सभी डाट जेसीबी से हटा दी गई।
बरसात से भीगा दाे लाख थैले गेहूं, व्यापारियों व किसानों को नुकसान
क्षेत्र में शुक्रवार काे हुई बरसात के कारण श्रीगंगानगर नई धानमंडी में पिड़ाें पर रखी किसानाें की ढेरियां व थैलाें में भरा सरकारी खरीद का गेहूं भीग गया। मंडी के अलग-अलग ब्लाॅक में पानी भरने से गेहूं से भरे थैले आधे-आधे तक पानी में ही डूब गए जिन्हें बरसात थमने के बाद श्रमिक बाहर निकालकर रखते देखे गए।
व्यापारियाें के अनुसार लगभग दाे लाख थैले गेहूं बरसात से भीगा है। अंधड़ के साथ बरसात हाेने से गेहूं का उठाव कार्य भी ठप हाे गया। नई धानमंडी में इन दिनाें सीजन हाेने से पूरी मंडी कृषि जिंसाें से अटी पड़ी है। जिन किसानाें की गेहूं की ढेरियां भीगी हैं उन्हें नुकसान हाेगा।
अब यह गेहूं सूखने के बाद ही बिक पाएगी, साथ ही क्वालिटी भी खराब हाेगी। सरकारी खरीद के थैलाें में भरे गेहूं का उठाव हाेकर गाेदामाें में पहुंचने तक जिम्मेदारी व्यापारी की हाेती है। ऐसे में थैले भीगने से सीधा नुकसान व्यापारियाें काे हाेगा। ट्रेडर्स एसाेसिएशन भवन के आगे से से लेकर तीनाें ब्लाॅकाें में बरसाती पानी लबालब भरा हुआ था। साथ ही उठाव भी भीगे थैलाें का नहीं हाे पाएगा।
शनिवार काे केवल कवर शैडाें के नीचे रखे गेहूं के थैलाें का ही उठाव हाे पाएगा। भीगे हुए गेहूं का नहीं। कच्चा आढ़तिया संघ के सचिव रमेश कुक्कड़ ने एफसीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक काे पत्र लिखकर सरकारी खरीद की गेहूं का उठाव धीमा हाेने पर नाराजगी जाहिर की है। उन्हाेंने पत्र में बताया है कि प्रतिदिन चालीस हजार थैलाें के उठाव का आश्वासन व्यापारियाें काे दिया था। लेकिन 20 से 25 हजार थैलाें का ही उठाव हाे पा रहा है।
मंडी में लगभग चार लाख थैले भरे हुए पड़े हैं। मंडी में जगह खाली नहीं हाेने के कारण किसानाें से और कृषि जिंसें मंगवाने में भी परेशानी व्यापारियाें काे हाे रही है। उठाव धीमा हाेने से गेहूं में थैलाें में भी वजन कम हाे रहा है। इसका सीधा नुकसान व्यापारियाें काे है।
श्रीगंगानगर हनुमानगढ़ व्यापार संघ के अध्यक्ष हनुमान गाेयल ने बताया कि गाेदामाें में सरकारी खरीद का गेहूं उतारने के लिए श्रमिकाें की संख्या कम है। संबंधित श्रमिक यूनियन के पदाधिकारी मनमर्जी से श्रमिक लगा रहे हैं। इस संबध में व्यापारियाें ने खरीद एजेंसी व जिला प्रशासन काे भी अवगत करवाया तथा गाेदामाें में गेहूं के थैले उतारने के लिए श्रमिकाें की संख्या बढ़ाने की मांग की।
परेशानी...बीरबल चौक पर मुख्य नाले की सफाई का काम अटका, दिनभर लगा रहा जाम
बीरबल चाैक पर मुख्य नाले की सफाई का काम चल रहा है। बारिश के बाद नाले में फिर से पानी भर गया है। ऐसे में नाले से पानी काे बाहर निकालने में एक से दाे दिन का समय लग सकता है, इसके बाद ही आगे नाले की सफाई हाे सकती है। शुक्रवार काे भी शहरवासियाें ने परेशानी भुगती है।
कारण कि यहां बीरबल चाैक से काेडा चाैक की तरफ डिवाइडर के एक तरफ नाले की सफाई का काम चल रहा है। ऐसे में यातायात काे डायवर्ट करना चाहिए था, लेकिन इस पर ध्यान नहीं देने का ही नतीजा रहा कि दिनभर बीरबल चाैक पर जाम के हालात रहे। ट्रैफिक पुलिस कर्मी वाहनाें काे निकालने के लिए मशक्कत करते रहे।
डिवाइडर के एक ही तरफ से आने व जाने वाले वाहन गुजरते रहे। बारिश के बाद परेशानी और बढ़ेगी, क्याेंकि अब नाले की सफाई के काम में और देरी हाेगी। बारिश के बाद बीरबल चाैक पर कीचड़ ही कीचड़ हाे गया। दुकानदार परेशान हुए, उनका कहना था कि दाे माह बाद दुकानें खुलीं, लेकिन कीचड़ व गंदगी की वजह से काराेबार बिल्कुल ठप पड़ा हुआहै।