कोटा। प्रदेश के किसानों को जून माह में विशेष ऋण योजना के लिए ऋण वितरण किया जाएगा। पहली बार किसानों को उपज आधारित ऋण दिया जाएगा। ताकि किसान अपनी उपज को फिलहाल रोककर बाजार में अच्छे दाम आने पर बेच सके। 1 जून से शुभारम्भ हो रही उपज रहन ऋ ण योजना के तहत जून माह में राज्य के 25 हजार किसानों को जोड़कर लाभ प्रदान किया जाएगा। प्रमुख शासन सचिव, कृषि एवं सहकारिता नरेश पाल गंगवार ने कहा कि योजना में पात्र समितियों का दायरा बढ़ाकर इसे 5500 से अधिक किया गया है ताकि अधिक से अधिक किसान लाभान्वित हो सके।प्रमुख शासन सचिव ने उपज रहन ऋ ण योजनाए फ सली ऋ ण वितरण एवं अन्य संबंधित बिन्दुओं पर जिलों में पदस्थापित सहकारिता के अधिकारियों एवं व्यवस्थापकों को विडियों कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि लघु एवं सीमान्त किसानों को 1.50 लाख रुपए एवं बड़े किसानों को 3 लाख रूपए रहन ऋ ण के रूप में देेने के लिए योजना जारी की है। इसमें किसान को उसकी उपज का 70 प्रतिशत ऋ ण मिलेगा। किसान बाजार में अच्छे भाव आने पर अपनी फसल को बेच सकता है। यह योजना किसान की तात्कालिक वित्तीय आवश्यकता को पूरी करने तथा कम दामों में फसल बेचने की मजबूरी में मददगार साबित होगी।
रविवार, 31 मई 2020
जितनी पैदावार होगी, उतना ज्यादा लोन मिलेगा
कोटा। प्रदेश के किसानों को जून माह में विशेष ऋण योजना के लिए ऋण वितरण किया जाएगा। पहली बार किसानों को उपज आधारित ऋण दिया जाएगा। ताकि किसान अपनी उपज को फिलहाल रोककर बाजार में अच्छे दाम आने पर बेच सके। 1 जून से शुभारम्भ हो रही उपज रहन ऋ ण योजना के तहत जून माह में राज्य के 25 हजार किसानों को जोड़कर लाभ प्रदान किया जाएगा। प्रमुख शासन सचिव, कृषि एवं सहकारिता नरेश पाल गंगवार ने कहा कि योजना में पात्र समितियों का दायरा बढ़ाकर इसे 5500 से अधिक किया गया है ताकि अधिक से अधिक किसान लाभान्वित हो सके।प्रमुख शासन सचिव ने उपज रहन ऋ ण योजनाए फ सली ऋ ण वितरण एवं अन्य संबंधित बिन्दुओं पर जिलों में पदस्थापित सहकारिता के अधिकारियों एवं व्यवस्थापकों को विडियों कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि लघु एवं सीमान्त किसानों को 1.50 लाख रुपए एवं बड़े किसानों को 3 लाख रूपए रहन ऋ ण के रूप में देेने के लिए योजना जारी की है। इसमें किसान को उसकी उपज का 70 प्रतिशत ऋ ण मिलेगा। किसान बाजार में अच्छे भाव आने पर अपनी फसल को बेच सकता है। यह योजना किसान की तात्कालिक वित्तीय आवश्यकता को पूरी करने तथा कम दामों में फसल बेचने की मजबूरी में मददगार साबित होगी।