अजमेर. सफाई कर्मचारियों को कोरोना योद्धा मानते हुए शहर के लोग भले ही जगह-जगह उनका सम्मान कर रहे हों, लेकिन नगर निगम इन्हीं सफाई कर्मियों को नौकरी से निकालने में लगा है। निगम ने एक आदेश जारी कर 149 अस्थाई सफाई कर्मचारियों को अतिरिक्त मानते हुए हटा दिया। महापौर धर्मेन्द्र गहलोत ने इसे लेकर गहरी नाराजगी जताई है। उधर, निगम आयुक्त ने स्वास्थ्य अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर सफाईकर्मियों को हटाए जाने का तर्क दिया है।
खर्च में कटौती का ऐसा जतन !
शहर में करीब 1700 स्थाई और 500 अस्थाई सफाई कर्मचारी लगे हुए हैं। सूत्रों के अनुसार कोरोना संकट काल में निगम का काफी खर्चा हो गया। इसे देखते हुए निगम ने अब खर्चों में कमी कर बचत की योजना बनानी शुरू की है। इसी की क्रियान्विति के तहत आयुक्त चिन्मयी गोपाल ने 149 सफाई कर्मचारियों को हटाने के आदेश जारी किए हैं। निगम प्रशासन का कहना है कि ऐसे सफाई कर्मचारियों को ही हटाया गया है जो अतिरिक्त थे और जिनकी फिलहाल आवश्यकता नहीं है।
कोरोना योद्धा अब रोजी-रोटी को मोहताज
कोरोना संकट काल में कोरोना योद्धाओं के रूप में नवाजे गए निगम से 149 सफाईकर्मियों को हटाए जाने की जानकारी मिलने पर महापौर धर्मेन्द्र गहलोत ने आयुक्त चिन्मयी गोपाल को यूओ नोट भेजकर नाराजगी जताई है। उन्होंने लिखा है कि 'प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के निर्देश हैं कि कोविड-19 को देखते हुए किसी को नौकरी से नहीं निकाला जाए। लेकिन आप तो अपने आप को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के आदेशों से ऊपर समझकर कार्य कर रही हैं। आपके इस तुगलकी आदेश से ऐसी महामारी के समय 149 परिवार के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में 149 कोरोना योद्धाओं को बेरोजगार करना आपकी कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगाता है। उनका सम्मान करने के बजाय उनसे रोजगार छीन लेने का निर्णय भत्र्सना योग्य है। आप 5 जून दोपहर 3 बजे तक मुझे अवगत कराएं कि उक्त आदेश के पीछे आपकी क्या मंशा रही है। Ó
बिजली के बाद अब बिगड़ेगी सफाई व्यवस्था
महापौर ने आयुक्त को लिखे यूओ नोट में यह भी लिखा है कि शहर में वर्तमान में शहर के लोग रोड लाइट की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे में सफाई कर्मचारियों को भी हटा देने से शहर की सफाई व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पडग़ा।
इनका कहना है
स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार ही सफाई कर्मचारियों को हटाया गया है। स्वास्थ्य अधिकारी की रिपोर्ट में 149 कर्मचारी अतिरिक्त बताए गए हैं।
-चिन्मयी गोपाल, आयुक्त नगर निगम