बबाई, गांव चींचड़ोली में मंगलवार की सुबह गमगीन बीती। सोमवार को चूरू जिले सुजानगढ़ के लोढ़सर के पास हुए हादसे में सज्जनसिंह की पत्नी सदाकंवर, बेटे राजपालसिंह, बहू निशाकंवर, तीन वर्षीय पोती भूमि और एक रिश्तेदार महिपालसिंह की मौत हो गई थी। सभी शव देर रात गांव में लाए गए।
घर वालों को कुछ भनक ना लगे इसलिए रात भर इन शवों को गांव के बाहर ही रोका गया और फिर सवेरे करीब सात बजे जब घर के आंगन में इनके शव पहुंचे, तो हाहाकार मच गया। बुजुर्ग सज्जनसिंह आंखों के सामने पत्नी, बेटे, बहू और पोती का शव देख बेसुध हो गए। उनके रिश्तेदार महीपाल का शव भी घर पहुंचा तो महज चार महीने पहले शादी कर आई पत्नी के मुहं से तो एक शब्द ना निकला। वह चित्कार उठी और फिर बेहोश हो गई।
सज्जनसिंह के दोनों बेटे व हादसे में मृतका का पति मोहनसिंह भी सवेरे गांव पहुंचा। रिश्तेदारों व गांव वालों ने बड़ी मुश्किल से इन सभी को संभाला। इसके बाद एक साथ चार अर्थियां उठी। श्मशानघाट में चारों का अंतिम संस्कार किया गया, जबकि मासूम को दफनाया गया। हादसे में जान गंवाने वाले कार चालक महिपाल सिंह का दो जून को ही जन्मदिन था। मंगलवार को जन्मदिन के दिन ही उसका अंतिम संस्कार हुआ।