कोटा. मेडिकल कॉलेज के कोविड समर्पित अस्पताल में भर्ती मरीज की मौत के बाद व्यवस्था में कुछ बदलाव किया गया है। मेडिकल कॉलेज के नियंत्रक और प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने इस घटना को दुखद बताते वरिष्ठ चिकित्सकों को पीपीई किट पहनकर वार्डों का दौरा करने की जिम्मेदारी सौंपी है। ये चिकित्सक रोज सुबह-शाम की पारी में हर रोगी से मिलकर उपचार के बारे में सामान्य जानकारी लेंगे। उनके साथ नर्सिंग अधीक्षक भी रहेंगे। वहीं मृतक के शव को मोर्चरी में देरी से भेजने और अन्य व्यवस्थाओं में लापरवाही के लिए अस्पताल अधीक्षक डॉ. सी.एस. सुशील को नोटिस देकर पूछा है कि ऐसी नौबत क्यों आई। क्या पर्यवेक्षण में लापरवाही रही।
पुरानी हिस्ट्री का भी रखेंगे ध्यान
प्राचार्य ने खुद टीम के साथ अस्पताल का निरीक्षण किया व्यवस्थाएं देखी। चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ को हिदायत कि अस्पताल में आने वाला मरीज महत्वपूर्ण है। कोविड के कारण परिजन नहीं रहते ऐसे में उनकी ज्यादा जिम्मेदारी है। इसलिए पूरी संवदेनशीलता से कार्य कार्य करें। इसके अलावा कोविड वार्ड आने वाले रोगियों से पहले ही कोई गंभीर बीमारी हिस्ट्री के अनुसार विशेष देखभाल की व्यवस्था की जाएगी।
दो नर्सिंग सुपरवाइजर होंगे
अभी नवीन चिकित्सालय और एसएसबी ब्लॉक के एक ही नर्सिंग सुपरवाइजर है अब दोनों के लिए अलग-अलग अधिकारी पर्यवेक्षण करेंगे। उपचार करने वाली यूनिट अब हर रोज मरीजों की फिजिकल रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
परिजन जान सकेंगे हाल
रोगी के परिजनों को हालचाल जानने के लिए नवीन चिकित्सालय में हेल्प डेस्क बनाई है, जो दवा वितरण केन्द्र एक पर स्थित है और अस्पताल से अलग है। यहां रोगी के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
यह रहेगी व्यवस्था
दोपहर 12 से दोपहर 2 बजे तक डॉ. आरपी मीणा, नर्सिंग अध्यक्ष हंसराज शर्मा नवीन चिकित्सालय का राउंड लेंगे। वहीं डॉ. नीलेश जैन और नर्सिंग अधीक्षक हरिचरण सोनी एसएसबी ब्लॉक का राउंड लेंगे। रात 9 से 11 बजे डॉ देवेन्द्र याद व और नर्सिंग सुपरपवाइजर नवीन चिकित्सालय का राउंड लेंगे। इसी तरह डॉ अतुल शर्मा और नर्सिंग सुपरवाइजर एसएसबी ब्लॉक का राउंड लेंगे।
ये निर्णय भी लिए
-नर्सिंग स्टाफ ड्यूटी रूम में नहीं बैठकर केंद्रीय नर्सिंग स्टेशन पर बैठेंगे, जिससे उनकी उपलब्धता सभी रोगियों को मिल सके-मेडिसन विभाग अध्यक्ष को निर्देश दिए गए कि समय
-समय पर ट्रीटिंग इकाई एवं विभाग बैठक करके यह सुनिश्चित करेंगे कि चिकित्सीय केयर का स्तर बना रहे।
इस घटना के संबंध में गठित समिति की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट में चिकित्सकीय लापरवाही से मृत्यु के साक्ष्य नहीं मिले हैं। मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार रोगी को अन्य रोग भी थे। सभी वार्डों की व्यवस्था देख कर रोगियों से संवाद किया। इसके बाद सुधारात्मक निर्णय लिए गए।- डॉ. विजय सरदाना, नियंत्रण एवं प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज