पाली/रायपुर मारवाड़। जिले के सेंदड़ा वन क्षेत्र से सटे गांवों में रीछ का जोड़ा पिछले छह माह से दहशत फैला रहा है। रीछ ने शिकार व पानी की तलाश में गांवों में पहुंच अब तक डेढ़ दर्जन लोगों पर हमला कर उन्हें अस्पताल पहुंचा दिया। इससे लोग डरे सहमे से हैं। इधर, वन विभाग के जिम्मेदार इस रीछ को काबू में करने का मात्र दिखावा कर रहे हैं।
दरअसल, सेंदड़ा क्षेत्रिय वन अधिकारी के दफ्तर में महज एक पिंजरा है। जिसे तीन माह पहले इसी रीछ ने तोड़ दिया था। अब उसी पिंजरे की मरम्मत करवा उसे उपयोग में लिया जा रहा है। हालात ये हैं कि जिस गांव में हमला होता है उसके दूसरे दिन वन अधिकारी उस पिंजरे को रखवा देते हैं। रीछ कुछ दिन बाद ही दूसरे गांव में हमला कर देता है। इस तरह रीछ गांव बदल-बदल कर हमला करता जा रहा है और वन अधिकारी पिंजरे के ठिकाने बदल प्रयास का दावा कर रहे हैं।
रेस्क्यू टीम दुबारा नहीं लौटी
तीन माह पहले जब रीछ ने एक सप्ताह में आधा दर्जन लोगों पर हमला कर दिया था, तब जोधपुर से रेस्क्यू टीम को बुलाया गया था। ये टीम पांच दिन तक भटकती रही लेकन रीछ को काबू नहीं कर पाई। ऐसे में थकहार ये टीम जोधपुर लौट गई। दुबारा आज तक न तो ये टीम लौटी न ही टीम को बुलाने के प्रयास किए गए।
इन गांवों में हो चुका हमला
सेंदड़ा वन क्षेत्र के लालपुरा, टांडा तालाब, चांग, धोलिया सहित अन्य गांवों में रीछ डेढ़ दर्जन लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर चुका है। इससे इन गांवों में हालात ये हैं कि दिन ढलते ही लोग घरों में दुबक जाते हैं। किसान रात्रि में फसल सिंचाई के लिए नहीं जा पा रहे हैं।
कर रहे प्रयास
ये बात सही है कि रीछ गांव बदल-बदल कर लोगों पर हमला कर रहा है। हमारे पास एक ही पिंजरा है। जिसे अलग-अलग गांवों में रखवा रीछ को काबू करने का प्रयास कर रहे हैं। रेस्क्यू टीम को सूचना दे रखी है। -राजेन्द्रसिंह, रेंजर, वन क्षेत्र सेंदड़ा