झुंझुनूं : पशुपालकों, गोपालकों, कृषकों, नव युवकों, महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के पशुपालन विभाग की प्रजनन नीति अनुसार उपलब्ध दुधारू देशी गोवंश का संवर्धन कर उन्नत गोवंश से पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए डेयरी चलाने, प्रबंधन करने करने के उद्देश्य से वैज्ञानिक विधि एवं मशीन के माध्यम से स्वच्छ एवं स्वास्थ्यप्रद दुग्ध उत्पादन को बढावा देने के लिए गोपालन विभाग द्वारा कामधेनु डेयरी योजना अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में जिले को लक्ष्य दिए गए हैं। इनमें एक प्रस्ताव के लिए अनुसूचित जाति के लाभार्थी को प्राथमिकता दी जाएगी।
विभाग के संयुक्त निदेशक सुरेन्द्र कुमार सैनी ने बताया कि योजना में एक ही नस्ल की (गीर, थारपारकर, हरियाणवी) देशी नस्ल की 30 दुधारू गायें खरीद कर डेयरी की स्थापना की जा सकती है। इसमें आधारभूत संरचना, उपकरण इत्यादि के लिए बैंक लोन राजकीय अथवा निजी बैंक द्वारा 5 वर्षों तक लाभार्थी एंव बैंक की परस्पर सहमति पर दिया जा सकेगा।
लाभार्थी द्वारा 10 प्रतिशत हिस्सा राशि व्यय की जानी है। केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित डेयरी उधमिता विकास योजना की तरह बैक एडेड पूंजी अनुदान का प्रावधान कर इसे न्यूनतम 3 वर्ष के लिए लॉक-इन पीरियड में रख कर इसका समायोजन किया जाएगा। लाभार्थी के चयन के लिए प्रमुखतः पशुपालन/डेयरी का कम से कम तीन वर्ष का अनुभव, महिला अभ्यर्थियों को प्राथमिकता एवं आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए जगह के अतिरिक्त एक एकड़ स्वयं की जमीन की पात्रता है।
योजना के विस्तृत दिशा-निर्देश, आवेदन एवं शपथ निदेशालय गोपालन की वेबसाइट से डाउनलोड किए जा सकते हैं। आवेदन की अन्तिम तिथि 25 जून है। योजना में प्रभारी डॉ सदानन्द झाझड़िया, उपनिदेशक पशुधन विकास मोबाइल नम्बर 9314210019 एवं सहायक प्रभारी डॉ अर्चना राव को बनाया गया है।