बांसवाड़ा. किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले हिन्दू धर्म में स्वस्तिक का चिह्न बनाकर उसकी पूजा करने का महत्व है। मान्यता है कि ऐसा करने से कार्य सफल होता है। स्वस्तिक के चिह्न को मंगल प्रतीक भी माना जाता है। ... अर्थात स्वस्तिक का मौलिक अर्थ है “शुभ हो’, “कल्याण हो’। काेराेना पाॅजिटिव से निगेटिव हाेने के बाद सूर्यानंद नगर अपने घर पहुंची महिला ने दहलीज पर स्वस्तिक बनाकर घर में प्रवेश किया। ताकि फिर से कोई कोरोना जैसी बाधा न आए। सोमवार को महात्मा गांधी अस्पताल के निगेटिव वार्ड में भर्ती आखिरी आठ मरीज भी घर के लिए विदा कर दिए गए।
यह सुकून देना वाला है, लेकिन यह हमें सचेत भी करता है क्योंकि पिछले दो माह बांसवाड़ा वासियों ने कोरोना के डर में गुजारे है। लेकिन क्या खतरा टल गया है..यह बड़ा सवाल है। मेडिकल विभाग ने जिस तरह से सैंपल लेना बंद-सा कर दिया है, उससे तो ऐसा लगता है कि यहां के प्रशासन ने मान लिया कि यहां अब कोई कोरोना नहीं रहा। हम भी यही मंगलकामना करते है...सब शुभ हो..। मुंबई, गुजरात और एमपी से आने वाले सभी प्रवासी स्वस्थ हो...आखिर हम कामना ही कर सकते है..क्योंकि जांच तो हो नहीं रही।