बूंदी के 25 गांवों को मिलेगी फ्लोराइडयुक्त पानी से मुक्ति
लोकसभा अध्यक्ष बिरला के प्रयासों से 41 करोड़ की योजना स्वीकृत
बूंदी. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र के कई गांवों में पेयजल की समस्याएं जल्द दूर होगी। जलजीवन मिशन के तहत कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में पाइपलाइन के जरिए घर-घर पानी पहुंचाने की कार्य योजना पर काम शुरू हो गया। जल्द ही 11 गांवों में घर-घर तक पानी पहुंचेगा। कोटा-बूंदी के 27 गांवों को फ्लोराइडयुक्त पानी से मुक्ति मिल जाएगी। इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 41 करोड़ रुपए व्यय होंगे।
केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2024 तक भारत के सभी गांवों में पाइपलाइन के जरिए घर-घर तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया। कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में भी कई ऐसे गांव हैं जहां आज तक पाइपलाइन के जरिए घर तक पानी नहीं पहुंच पाया। जल जीवन मिशन प्रारंभ किए जाने के साथ ही लोकसभा अध्यक्ष और कोटा-बूंदी सांसद ओम बिरला ने संसदीय क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों लिए पेयजल योजनाएं तैयार करवाने की कार्ययोजना पर काम शुरू कर दिया था। लोकसभा अध्यक्ष के लगातार प्रयासों के बाद अब इस दिशा में सफलता मिलने लग गई।
बूंदी के 7 गांवों की योजना तैयार
बूंदी जिले के 7 गांवों के लिए भी 25.25 करोड़ की लागत से जल जीवन मिशन के तहत पेयजल योजना के प्रस्ताव तैयार हो गए। इनमें तीरथ गांव में 3.22 करोड़, बड़ौदिया में 3.07 करोड़, सथूर में 5.87 करोड़, बड़ानयागांव में 5.28 करोड़, दुगारी में 3.08 करोड़, रड़ी-चड़ी में 2.59 करोड़ तथा करवर में 2.34 करोड़ की योजना शामिल है। इन योजना के लिए स्वीकृति दिलवाने के प्रयास तेज हो गए।
सोलर डी-फ्लोराइड यूनिट से मिलेगा शुद्ध पेयजल
ग्रामीण क्षेत्रों में भी फ्लोराइड मुक्त पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष बिरला के प्रयासों से कोटा-बूंदी के 27 गांवों में सौर ऊर्जा आधारित डी-फ्लोराइड यूनिट लगाई जाएंगी। इस योजना पर 8.85 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। कोटा-बूंदी के कई गांव फ्लोराइड युक्त पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। अनेकों लोग इस कारण फ्लोरोसिस जैसी गंभीर बीमारी से भी पीडि़त हैं। लोकसभा अध्यक्ष बिरला इस समस्या का समाधान निकालने के लिए लम्बे समय से प्रयास कर रहे हैं। इन्ही प्रयासों के तहत बूंदी के 25 तथा कोटा के 2 दो गांवों में सौर ऊर्जा आधारित डी-फ्लोराइड यूनिट की स्थापना की जा रही है। यह यूनिट सौर ऊर्जा के माध्यम से पानी को शुद्ध कर ग्रामीणों को उपलब्ध करवाएगी।
इन गांवों में लगेगी डीएफयू
बूंदी जिले में जावटीकलां ग्राम पंचायत का काटूनारा, लालपुरा पंचायत के किशनपुरा, नयागांव पंचायत के गणेशपुरा, रिहाना पंचायत के छावनी, गोगपुरा तथा रिहाना, उलेड़ा पंचायत के सींता, देलुंदा पंचायत के देलुंदा, गामछ पंचायत के गामछ, सींता पंचायत के सींता, बालोद पंचायत के खेड़ली व्यासान व पीपल्दा जागीर, गेंडोली खुर्द पंचायत के गूंथा, करवाला की झोंपडिय़ा पंचायत के करवाला की झोंपडिय़ा व मेनोली, फोलाई पंचायत के गोपालपुरा व मोरखुदाना, बाछोला पंचायत के सुरगली व उगेन, मोडसा पंचायत के मोहब्बतपुरा, ख्यावदा पंचायत के भाटों का खेड़ा, आजंदा पंचायत के आजंदा, बलकासा पंचायत के लक्ष्मीपुरा, रामपुरिया व देवपुरा गांव में डीएफयू लगाई जाएगी।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला के प्रयासों से 41 करोड़ की योजना स्वीकृत
बूंदी. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र के कई गांवों में पेयजल की समस्याएं जल्द दूर होगी। जलजीवन मिशन के तहत कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में पाइपलाइन के जरिए घर-घर पानी पहुंचाने की कार्य योजना पर काम शुरू हो गया। जल्द ही 11 गांवों में घर-घर तक पानी पहुंचेगा। कोटा-बूंदी के 27 गांवों को फ्लोराइडयुक्त पानी से मुक्ति मिल जाएगी। इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 41 करोड़ रुपए व्यय होंगे।
केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2024 तक भारत के सभी गांवों में पाइपलाइन के जरिए घर-घर तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया। कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में भी कई ऐसे गांव हैं जहां आज तक पाइपलाइन के जरिए घर तक पानी नहीं पहुंच पाया। जल जीवन मिशन प्रारंभ किए जाने के साथ ही लोकसभा अध्यक्ष और कोटा-बूंदी सांसद ओम बिरला ने संसदीय क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों लिए पेयजल योजनाएं तैयार करवाने की कार्ययोजना पर काम शुरू कर दिया था। लोकसभा अध्यक्ष के लगातार प्रयासों के बाद अब इस दिशा में सफलता मिलने लग गई।
बूंदी के 7 गांवों की योजना तैयार
बूंदी जिले के 7 गांवों के लिए भी 25.25 करोड़ की लागत से जल जीवन मिशन के तहत पेयजल योजना के प्रस्ताव तैयार हो गए। इनमें तीरथ गांव में 3.22 करोड़, बड़ौदिया में 3.07 करोड़, सथूर में 5.87 करोड़, बड़ानयागांव में 5.28 करोड़, दुगारी में 3.08 करोड़, रड़ी-चड़ी में 2.59 करोड़ तथा करवर में 2.34 करोड़ की योजना शामिल है। इन योजना के लिए स्वीकृति दिलवाने के प्रयास तेज हो गए।
सोलर डी-फ्लोराइड यूनिट से मिलेगा शुद्ध पेयजल
ग्रामीण क्षेत्रों में भी फ्लोराइड मुक्त पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष बिरला के प्रयासों से कोटा-बूंदी के 27 गांवों में सौर ऊर्जा आधारित डी-फ्लोराइड यूनिट लगाई जाएंगी। इस योजना पर 8.85 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। कोटा-बूंदी के कई गांव फ्लोराइड युक्त पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। अनेकों लोग इस कारण फ्लोरोसिस जैसी गंभीर बीमारी से भी पीडि़त हैं। लोकसभा अध्यक्ष बिरला इस समस्या का समाधान निकालने के लिए लम्बे समय से प्रयास कर रहे हैं। इन्ही प्रयासों के तहत बूंदी के 25 तथा कोटा के 2 दो गांवों में सौर ऊर्जा आधारित डी-फ्लोराइड यूनिट की स्थापना की जा रही है। यह यूनिट सौर ऊर्जा के माध्यम से पानी को शुद्ध कर ग्रामीणों को उपलब्ध करवाएगी।
इन गांवों में लगेगी डीएफयू
बूंदी जिले में जावटीकलां ग्राम पंचायत का काटूनारा, लालपुरा पंचायत के किशनपुरा, नयागांव पंचायत के गणेशपुरा, रिहाना पंचायत के छावनी, गोगपुरा तथा रिहाना, उलेड़ा पंचायत के सींता, देलुंदा पंचायत के देलुंदा, गामछ पंचायत के गामछ, सींता पंचायत के सींता, बालोद पंचायत के खेड़ली व्यासान व पीपल्दा जागीर, गेंडोली खुर्द पंचायत के गूंथा, करवाला की झोंपडिय़ा पंचायत के करवाला की झोंपडिय़ा व मेनोली, फोलाई पंचायत के गोपालपुरा व मोरखुदाना, बाछोला पंचायत के सुरगली व उगेन, मोडसा पंचायत के मोहब्बतपुरा, ख्यावदा पंचायत के भाटों का खेड़ा, आजंदा पंचायत के आजंदा, बलकासा पंचायत के लक्ष्मीपुरा, रामपुरिया व देवपुरा गांव में डीएफयू लगाई जाएगी।