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बुधवार, 1 जुलाई 2020

Gehlot Government के मंत्री बोले , जीएसटी में क्यों नहीं लाते पेट्रोल — डीजल को

Gehlot Government के मंत्री बोले , जीएसटी में क्यों नहीं लाते पेट्रोल — डीजल को
जयपुर। गहलोत सरकार के परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास (Transport Minister Pratapsingh Khachariwas )ने पीएम नरेन्द्र मोदी (Pm Modi)से कहा हैं कि वे पेट्रोल डीजल को जीएसटी (Gst) के दायरे में क्यों नहीं लाते। उन्होंने कहा कि ऐसा कर लें तो कीमत अपने आप ही कम हो जाएगी।
खाचरियावास ने कहा कि भाजपा नेता केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह, राजेन्द्र राठौड़ और सतीश पूनिया पेट्रोल-डीजल के मुददे पर झूठ बोल रहे हैं, पूरा देश जानता है और पूरी दुनिया जानती है कि केन्द्र की भाजपा सरकार की ओर से एक्साइज डयूटी बढ़ाने के कारण पेट्रोल-डीजल इतना महंगा हुआ है।
खाचरियावास ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय मार्केट में पेट्रोल-डीजल सस्ता होने पर एक्साइज डयूटी घटाने और बढ़ाने की जिम्मेदारी केन्द्र सरकार के पास है। भाजपा के नेता झूठ बोलकर जनता के साथ धोखा कर रहे हैं। पिछले बीस दिन से केन्द्र सरकार ने एक्साईज डयूटी बढ़ाकर पेट्रोल-डीजल 11 रू. महंगा कर दिया। साल 2014 में डीजल पर 3.15 रू. एक्साइज शुल्क लगता था जो बढ़ाकर लगभग 35 रूपए कर दिया है। इसी तरह पेट्रोल पर भी 34 रूपए एक्ससाइज शुल्क बढाया है।
उन्होंने कहा कि यदि केन्द्र सरकार क्रूड ऑयल सस्ता होने पर एक्साइज डयूटी नहीं बढ़ाती तो पेट्रोल-डीजल इतना महंगा नहीं होता। पेट्रोल-डीजल महंगा होने के कारण हर वस्तु महंगी हो गई है, आम आदमी दुखी और परेशान है। ऐसे में केन्द्र की भाजपा सरकार को पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए प्रधानमंत्री मोदी जब हर चीज को जीएसटी के दायरे में ला रहे हैं तो पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में ले आयें तो पेट्रोल-डीजल स्वयं ही सस्ता हो जायेगा, लेकिन सरकार की नीयत और नीति बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने की है। रिलायंस और एस्सार जैसी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिये लगातार पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज डयूटी बढ़ाई जा रही है।