प्रदेश में आतंक का पर्याय बने बदमाशाें पर लगाम कसने के लिए पीएचक्यू ने 25 बदमाशाें काे चिन्हित कर ईनाम घाेषित कर दिया मगर सात माह बाद 25 में 9 बदमाश फरार हैं। काेराेना काल में पुलिस ने टाॅप 16 बदमाशाें काे सलाखों के पीछे डाल दिया। डीजीपी डाॅ. भूपेन्द्र सिंह ने साेमवार काे इस बारे में ली और पुलिस अधीक्षकाें काे निर्देश दिए।
डीजीपी डाॅ. भूपेन्द्र सिंह ने बताया हर थाना, वृत्त, जिला और रेंज स्तर पर टाॅप दस दस बदमाशाें की सूची बनाई गई है। इनके खिलाफ दर्ज मामलाें काे केस ऑफिसर स्कीम में लिया जाएगा। गिरफ्तारी के बाद न्यायालय में आपराधिक रिकार्ड पेश किया जा सके ताकि बदमाशाें काे जमानत नहीं मिले।
डीजीपी ने बताया जनवरी में प्रदेश के टाॅप 25 बदमाशाें को गिरफ्तार करने के लिए विशेष प्लानिंग बनाई गई। इसके अलावा पेपर लीक करने वाला मास्टर माइंड जगदीश विश्नाेई काे भी गिरफ्तार किया गया। जगदीश विश्नाेई काे पुलिस करीब तीन साल से तलाश रही थी, जिसे एसओजी ने पकड़ा।
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