हथियारों के साथ गुरुवार को पकड़े गए चारों बदमाशों को पुलिस ने रिमांड पर लिया है। जिला पूर्व की स्पेशल टीम व तीन थानों की पुलिस की संयुक्त कार्रवाई कर 0044 गैंग का खुलासा कर इन बदमाशों को गिरफ्तार किया था। 007 गैंग की तर्ज पर जेल में रहते हुए 0044 गैंग बना ली थी। मुख्य सरगना जाटावास निवासी 31 साल का निंबाराम पुत्र किशनलाल जाट जब जेल में था तो 007 गैंग के सदस्य सहीराम से उसका संपर्क हुआ था।
तभी उसने तय कर लिया था कि वह खुद की गैंग बनाएगा। जेल में रहते हुए ही उसने 0044 गैंग बना ली। उस पर कुल 20 मुकदमे दर्ज हैं। मंडोर थानाधिकारी दिलीप कुमार खदाव ने बताया कि 10वीं पास निंबाराम सात साल पहले अपराध की दुनिया में आ गया था, जो एमपी से हथियार लाता और जिले में सप्लाई करता था। वह हथियार बेचने से पहले सीजर का काम करता था। जेल में रहते हुए सहीराम ने ही उसे भानुप्रताप से मिलवाया था। इसके बाद भानुप्रताप भी 0044 गैंग का सदस्य बन गया था।
लॉकडाउन में आया तो हथियार बेचने लगा: थानाधिकारी खदाव ने बताया कि महामंदिर थाना इलाके की मदेरणा कॉलोनी निवासी 28 साल के भानुप्रताप पुत्र अर्जुनराम सेवक दसवीं पास है, जिस पर ये पहला मुकदमा दर्ज हुआ। वह सूरत में कपड़े की दुकान पर काम करता था। लॉकडाउन के चलते जोधपुर आया और आते ही निंबाराम के संपर्क में आकर हथियार बेचने की दुनिया में काम करने लगा।
पत्नी पटवारी: करवड़ थानाधिकारी भारत रावत ने बताया कि नागौर के जायल धारणा के जयपाल (25) पुत्र हरिराम जाट को गिरफ्तार किया। उसकी पत्नी पटवारी है। कार में हथियार रख सप्लाई का काम करता था। पांच से सात हजार रुपए एक हथियार बेचने पर मिलते थे।
कोरियर बॉय की भूमिका निभाता था
रातानाडा थानाधिकारी जुल्फिकार अली ने बताया कि प्रतापनगढ़ निवासी राजेश गायरी को हथियार के साथ गिरफ्तार किया था। वह लॉकडाउन से पहले भी हथियार के साथ पकड़ा गया था, जो आदतन हथियार सप्लायर है। वह कोरियर बॉय की भूमिका में हथियार देता था। राजेश प्रतापगढ़ से पिस्टल व कारतूस लाता और दो से पांच हजार में सप्लाई कर देता था।
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