पुलिस कमिश्नरेट के थाने क्रिमिनल्स के साथ ही कबाड़ होते वाहनों से भी जूझ रहे हैं। जी हां, कमिश्नरेट के 24 थाने, पुलिस कंट्रोल रूम व पुलिस लाइन में करीब 3,000 टू व्हीलर और 200 से अधिक फोर व्हीलर बरसाें से पड़े हैं। इन्हें ना ताे काेई लेने आ रहा है और ना ही इनका निस्तारण किया जा रहा है।
हालत यह है कि 5 से 10 सालों से बिना सार-संभाल खुले में पड़े कई वाहन अब कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं। स्थिति यहां तक पहुंच चुकी है कि कई थानों में और वाहन खड़े करने की जगह ही नहीं बची। यह संख्या शहर के सारे टू-व्हीलर डीलर्स के पास पड़े कुल नए वाहनों के तकरीबन बराबर है।
वरिष्ठ ऑटोमोबाइल डीलर अर्पित धूत बताते हैं कि शहर के सभी दोपहिया वाहन डीलर्स के पास मिलाकर 3000 से 3500 नए वाहन हाेते हैं। उधर थानाें में पड़े इन वाहनाें में कई ऐसे भी हैं जो या तो चोरी के हैं या उनके मालिकों ने गलत नाम-पते लिखवाए हैं। कुछ मुकदमों में जब्त किए गए, जिनका अब कोई धणी-धोरी नहीं है। किसी भी थाने में जाते ही वाहनाें का यह कबाड़ नजर आता है।
हर थाने में एक पुलिसकर्मी का काम इनका लेखा-जोखा रखना
कमिश्नरेट के हर थाने में एक पुलिसकर्मी को बस यही काम दिया गया है कि वो मालखाना का लेखा-जोखा रखे। थाने में जब्त किए वाहनों की एंट्री रखे। कौनसा वाहन कब व किस एक्ट में जब्त किया गया। वही चोरी व लावारिस वाहनों को भी रजिस्टर में इंद्राज करता है।
पुलिस को अपनी गाड़ी खड़ी करने की जगह नहीं मिलती
महामंदिर थाने में 200 से अधिक टू व्हीलर और 7 फोर व्हीलर्स पड़े कबाड़ हो रहे हैं। थाने के बाहर का 75 % परिसर इन गाड़ियों ने घेर रखा है। अब हालात ये हैं कि कई बार पुलिस अफसरों की तीन-चार गाड़ियां पहुंच जाती हैं तो वाहनचालक को परेशानी झेलनी पड़ती है। वहीं थाने के रोज आने वाले स्टाफ को भी खुद की गाड़ियां खड़ी करना अब भारी हो रहा है।
कंट्रोल रूम में 800 गाड़ियां, बाइक पर बाइक खड़ी करने की नौबत
पुलिस कंट्रोल रूम में कुल 800 टू व्हीलर खड़े हैं। हालात ये हैं कि अब कंट्रोल रूम भी पूरी तरह भर चुका है। पुलिस प्रशासन को कंट्रोल रूम में जब्त वाहन पुलिस लाइन भेजने पड़ रहे हैं। परिसर का करीबन 75 प्रतिशत हिस्सा जब्त किए वाहनों से भर चुका है। नौबत ये आ चुकी है कि अब अगर कंट्रोल रूम में वाहन जब्त कर खड़े किए जाएं तो कबाड़ में खड़ी बाइकों पर बाइकें चढ़ानी पड़ेंगी।
जिम्मेदार गाैर फरमाएं तो... नीलामी से हो लाखों की आय, थाने खुली सांस लें
जिम्मेदार अगर गाैर फरमाएं तो समस्या बने इन वाहनों से आय भी जुटाई जा सकती है। कबाड़ हो रहे इन वाहनों का समय रहते निस्तारण और नीलामी की जाए तो लाखों रुपए की आय हो सकती है। साथ ही थाना परिसर में जगह खाली हो सकती है। हालांकि अब तक ऐसा नहीं हुआ है। पुलिस व ट्रैफिक पुलिस की ओर से लगातार कार्रवाई करते हुए वाहनों को जब्त तो किया जा रहा है, लेकिन निस्तारण में देरी से अब कई थानों में जब्त करने के बाद वाहनों को खड़ा करने की जगह नहीं बची है।
एडीसीपी बाेले- निस्तारण के काम में लाएंगे तेजी
- निस्तारण के प्रोसेस में लगातार तेजी लाई जा रही है। जिन वाहनों के मालिकों का पता है, उनके द्वारा कोर्ट में प्रार्थना पत्र भी दिलवाया जा रहा है। इससे संबंधित के वाहन का जल्द से जल्द निस्तारण होगा। कई वाहनों के दस्तावेज नहीं हैं, कई लावारिस मिले थे, उनका मालिक का पता नहीं है। हालांकि जब्त वाहनों के निस्तारण की प्रक्रिया थोड़ी लंबी जरूर है। थानाधिकारियों को निर्देशित किया है कि थानावार पड़े वाहनों के निस्तारण की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। प्रयास के तहत अगले सप्ताह तक 70 वाहनों की नीलामी की जाएगी। - उमेश ओझा, एडीसीपी, पश्चिम।
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